वाशिंगटन: अमेरिका के एक एविएशन स्टॉर्टअप ने बताया है कि वे हाइपरसोनिक स्पीड से उड़ाने वाले विमानों पर काम कर रहे हैं।
इस स्टॉर्टअप का दावा है कि उनके बनाए विमान लोगों को दुनिया के किसी भी कोने में मात्र एक घंटे में पहुंचा सकते हैं।
जिसके बाद से इस विमान की स्पीड को लेकर खूब चर्चा हो रही है। कई विशेषज्ञों को संदेह है कि इंसानी शरीर बिना किसी स्पेशल सूट के इस स्पीड को झेलने में सक्षम नहीं है।
हालांकि, स्टॉर्टअप का कहना है कि यात्रियों के ऊपर इसकी हाइपरसोनिक रफ्तार का कोई भी असर नहीं होगा।
इस विमान को बनाने के लिए अमेरिकी सरकार के अलावा कई बड़ी वित्तीय कंपनियों ने फंड दिया हुआ है।
वीनस एयरोस्पेस कॉर्प नाम के इस एविएशन स्टॉर्टअप ने बताया कि उनका हाइपरसोनिक स्पेसप्लेन अमेरिका के लॉस एंजिल्स से जापान की राजधानी टोक्यो तक यात्रियों को लगभग एक घंटे में ले जाने में सक्षम होगा।
इस समय सबसे तेज फ्लाइट से भी इस दूरी को तय करने में 11 से 13 घंटे का समय लगता है। अगर यह प्रॉजेक्ट सफल होता है तो इससे यात्रियों का न केवल समय बचेगा, बल्कि इससे वैश्विक विमानन उद्योग को भी बड़ी ताकत मिलेगी।
यह स्टार्टअप अमेरिका के प्रसिद्ध वर्जिन ऑर्बिट एलएलसी के पूर्व कर्मचारियों सारा डग्लेबी (कोड-राइटिंग लॉन्च इंजीनियर) और उनके पति एंड्रयू डग्लेबी (लॉन्च, पेलोड और प्रोपल्शन ऑपरेशंस) के दिमाग की उपज है।
वर्जिन ऑर्बिट एलएलसी कंपनी छोटे सैटेलाइट्स को लॉन्च करने की सर्विस उपलब्ध करवाती है।
इस एविएशन स्टॉर्टअप को शुरू करने वाले दंपती ने बताया कि एक बार वे यात्रा में ज्यादा समय लगने के कारण सारा की दादी के 95वें जन्मदिन में शामिल नहीं हो सके थे।
इस कारण उन्होंने यात्रा के समय को कम करने के लिए हाइपरसोनिक स्पेसप्लेन को बनाने के लिए वीनस एयरोस्पेस कॉर्प नाम के इस एविएशन स्टॉर्टअप को शुरू किया।
उन्होंने बताया कि अभी तक हमने सुपरसोनिक स्पीड से उड़ने वाले जेट के बारे में ही सुना है। ये विमान आवाज की रफ्तार से भी तेज गति से उड़ान भरते हैं।
हालांकि, हम जिस प्लेन को विकसित करने के काम में जुटे हुए हैं वो इससे भी काफी तेज हाइपरसोनिक रफ्तार से उड़ेगा।
इस दंपती के स्टॉर्टअप में बनाए जाने वाले प्लेन की अधिकतम रफ्तार 14,484 किलोमीटर प्रति घंटे तक हो सकती है। यह ध्वनि की गति से लगभग 12 गुना ज्यादा है।
बता दें कि ध्वनि की रफ्तार 1234 किमी प्रति घंटा होती है। वीनस में अभी 15 कर्मचारी हैं, इनमें से अधिकतर स्पेस इंडस्ट्री के दिग्गज हैं।
उन्हें अमेरिका के प्राइम मूवर्स और ड्रेपर एसोसिएट्स जैसी वेंचर कैपिटल फर्मों से निवेश प्राप्त हुआ है।
हालांकि, इस परियोजना के पूरा होने में अभी भी समय है। विमान का आकार अभी पूरा नहीं हुआ है और वे इस गर्मी में इस विमान के थ्रीडी मॉडल के परीक्षण की योजना बना रहे हैं।
उन्हें अमेरिकी वायु सेना से एक छोटा सा शोध अनुदान भी प्राप्त हुआ है और वे रक्षा विभाग से अतिरिक्त धन की तलाश में हैं।
इस परियोजना में एक दशक या उससे अधिक समय लगने की उम्मीद है। डग्लेबी का कहना है कि उनकी तकनीक अतीत में दूसरी कंपनियों के किए गए प्रयासों से काफी अलग होगी।
उनका दावा है कि वे अधिक एफिसिएंट होंगे और विमान के लैंडिंग गियर्स और विंग्स के अतिरिक्त वजन को बेहतर ढंग से संभालने वाले होंगे।
इस विमान के लिए बनाया जा रहा इंजन कॉमर्शियल एयरक्राफ्ट इंडस्ट्री को काफी बड़ा बूस्ट प्रदान करेगा।