पेरिस: फाइजर की कोरोना वैक्सीन कम प्रभावी है लेकिन भारत में फैले कोरोना के स्ट्रेन से बचाव करने में सक्षम है।
यह खुलासा हुआ है फ्रांस में हुई एक स्टडी में। पाश्चर संस्थान ने यह स्टडी की है। संस्थान के निदेशक और स्टडी के सह-लेखक ओलिवियर श्वार्ट्ज ने कहा, ‘थोड़ी कम प्रभावकारिता के बावजूद, फाइजर वैक्सीन भारत में मिले वैरिएंट के खिलाफ रक्षा करता है।
‘ इस स्टडी के लिए ऑरलियंस शहर के 28 स्वास्थ्यकर्मियों का सैंपल लिया गया।
इनमें से 16 को फाइजर वैक्सीन की दो खुराक मिली थी, जबकि 12 को एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की एक खुराक मिली थी।
श्वार्ट्ज ने कहा कि जिन मरीजों को पिछले एक साल के भीतर कोविड-19 था और जिन लोगों का फाइजर की दो खुराक के साथ टीकाकरण किया था उनमें बी.1.617 वैरिएंट के खिलाफ पर्याप्त एंटीबॉडी थीं लेकिन ब्रिटेन में मिले वैरिएंट के खिलाफ तीन से छह गुना कम एंटीबॉडी मिलीं।
श्वार्ट्ज ने कहा कि स्टडी से पता चलता है कि इस वैरिएंट ने एंटीबॉडी के लिए आंशिक प्रतिरोध हासिल कर लिया है।
चीन में 2019 के आखिर में पहली बार उभरने के बाद से सार्स-कोव-2 वायरस ने कोरोना के कई वैरिएंट बना लिए हैं।
स्टडी के मुताबिक जिन लोगों ने फाइजर की दो खुराक प्राप्त की थी उनमें कोरोना के बी.1.617 वैरिएंट के खिलाफ एंटीबॉडी में तीन गुना कमी देखी गई, लेकिन फिर भी वे सुरक्षित थे।
स्टडी में कहा गया है, ‘एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के साथ स्थिति अलग थी, इसने विशेष रूप से बी.1.617 वैरिएंट को बेअसर करने के लिए एंटीबॉडी के निम्न स्तर को प्रेरित किया।’