वैंकूवर: कनाडा और अमेरिका में इन दिनों भीषण गर्मी कोहराम मचाए हुए है। कनाडा में हीट डोम बनने के कारण वातावरण की गर्मी लौटकर धरती पर वापस आ रही है।
ब्रिटिश कोलंबिया में तो समुद्र तटों पर रहने वाले मसल्स, क्लैम और अन्य समुद्री जीव तो गर्म पानी में जिंदा ही उबल गए।
समुद्र तटों के किनारे इन जीवों की बड़े बड़े ढेर सड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं। जिसकी दुर्गंध के कारण आसपास रहने वाले लोग भी बेहाल हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय में जूलॉजी विभाग के एक प्रोफेसर क्रिस्टोफर हार्ले ने रविवार को बैंकूवर के किट्सिलानो बीच पर अनगिनत मृत मसल्स के खोल को सड़ते हुए पाया।
हॉर्ले चट्टानी तटों की पारिस्थितिकी पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का अध्ययन कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि वे 26-28 जून को क्षेत्र में रिकॉर्ड गर्मी का सबसे ज्यादा असर समुद्री जीवों पर पड़ा है।
उन्होंने बताया कि समुद्र तट पर पहुंचने से पहले ही मुझे इन मरे हुए जीवों की गंध आनी शुरू हो गई थी। जब मैं वहां पहुंचा तो मरे हुए जीवों की संख्या को देखकर दंग रह गया। कई समुद्री जीव खुले तो कोई अपने खोल में पड़े सड़ रहे थे। इनकी तादाद पिछले दिन के मुकाबले काफी ज्यादा थी। अगले दिन हॉर्ले अपने एक छात्र के साथ वैंकूवर के लाइटहाउस पार्क में गए। प्रोफेसर हॉर्ले इस पार्क में पिछले 12 साल से आ रहे हैं। लेकिन, जो तबाही उन्होंने इस बार देखी वैसे पहले न कभी सुनने को मिली थी और न ही देखने को। उस बीच पर भी मरे हुए सीप, मसल्स क्लैम के ढेर लगे हुए थे।
उन्होंने बताया कि मसल्स खुद को चट्टानों और अन्य सतहों से जोड़ते हैं और कम ज्वार के दौरान हवा और धूप के संपर्क में आने के आदी होते हैं। लेकिन, वे आम तौर पर बहुत लंबे समय तक 100 डिग्री फारेनहाइट से अधिक तापमान पर जीवित नहीं रह सकते हैं।
वैंकूवर शहर में तापमान 26 जून को 986 डिग्री फारेनहाइट, 27 को 995 डिग्री फारेनहाइट और 28 तारीख को 1015 डिग्री फारेनहाइट था।
हार्ले और उनके छात्र ने एक एफएलआईआर थर्मल इमेजिंग कैमरा का इस्तेमाल कर जिस चट्टान से ये जीव चिपके हुए थे उसका तापमान मापा।
उस थर्मल इमेजिंग कैमरे में चट्टान के सतह का तापमान 125 डिग्री फारेनहाइट था। अमेरिका की डैथ वैली भी अपने नाम पर खरी उतरती दिख रही है।
कैलिफोर्निया की इस रेगिस्तानी घाटी में तापमान अपने सभी रेकॉर्ड ध्वस्त करने की ओर तेजी से बढ़ रहा है।
शुक्रवार को यहां पारा 130 डिग्री फॉरेनहाइट यानी 54.4 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया। यह अब तक के सबसे ज्यादा तापमान के रेकॉर्ड से भी सिर्फ 4 डिग्री पीछे है।
इससे पहले 9 जून 1913 में यहां तापमान 134 डिग्री फॉरेनहाइट था। यह धरती में कहीं भी रहा अब तक का सबसे ज्यादा तापमान है।
चिंता की बात यह है कि पश्चिमी तट पर हीटवेव का खतरा अभी टला नहीं है और आने वाले दिनों में इस रिकॉर्ड के टूटने की आशंका गहराने लगी है।