लंदन: भारत में जल्द ही फाइजर बायोएनटेक की कोरोना वायरस वैक्सीन भी आ सकती है।
हालांकि एक अध्ययन के अनुसार भारत में पाए गए कोरोना वायरस के डेल्टा स्वरूप (बी.1.617.2) के खिलाफ यह वैक्सीन कम ऐंटीबॉडी पैदा करती है।
वहीं, कुछ दिन पहले एक अमेरिकी अध्ययन में इसे डेल्टा वेरियंट पर असरदार पाया गया था।
अध्ययन में यह भी बताया गया है कि वायरस को पहचानने और उसके खिलाफ लड़ने में सक्षम ऐंटीबॉडी बढ़ती आयु के साथ कमजोर होती चली जाती है और इसका स्तर समय के साथ गिरता चला जाता है।
इसमें कहा गया है कि फाइजर-बायोएनटेक टीके की केवल एक खुराक देने से लोगों में बी.1.617.2 स्वरूप के खिलाफ ऐंटीबॉडी का स्तर विकसित होने की संभावना इसके पिछले स्वरूप बी.1.1.7 (अल्फा) की तुलना में कम है।
ब्रिटेन के फ्रांसिस क्रिक इंस्टिट्यूट के अनुसंधानकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययन में कहा गया है कि केवल ऐंटीबॉडी का स्तर ही टीके की प्रभावकारिता की भविष्यवाणी नहीं करता बल्कि संभावित रोगियों पर अध्ययनों की भी जरूरत होती है।
अध्ययन के दौरान कोविड रोधी टीके फाइजर-बायोएनटेक की एक या दोनों खुराकें ले चुके 250 स्वस्थ लोगों के रक्त में, पहली खुराक लेने के तीन महीने बाद तक ऐंटीबॉडी का विश्लेषण किया गया।
इससे पहले सामने आई न्यू यॉर्क यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन में बताया गया कि यह मानने के लिए पर्याप्त वजह है कि टीका लगा चुके लोग बी.1.617 और बी.1.618 वेरियंट से सुरक्षित रहते हैं।
इस रिसर्च में कोविड के शुरुआती वेरियंट से ठीक हो चुके आठ लोगों के सीरम के सैंपल लिए गए।
इसके अलावा फाइजर का टीका लगवा चुके आठ लोगों के और मॉडर्ना के टीके लगवा चुके तीन लोगों के सैंपल भी लिए गए।
फाइजर की भारत में भी किसी भी टीके की मंजूरी के पहले स्थानीय परीक्षण के मामले में सरकार से बातचीत चल रही थी। इसमें भी कंपनी को छूट मिल गई है।
इससे पहले फाइजर ट्रायल वाली शर्त के बाद इमरजेंसी इस्तेमाल से आवेदन वापस ले लिया था।
वहीं फ्रांस में किए गए एक अध्यययन में पाया गया था कि भारत में मिले कोरोना वायरस वेरियंट के खिलाफ फाइजर की वैक्सीन असरदार है।
एक सरकारी अधिकारी ने पहले संभावना जताई थी कि जुलाई तक भारत में फाइजर की वैक्सीन आ सकती है।