काबुल: तालिबान के खिलाफ विद्रोह का झंडा बुलंद करने वाले पंजशीर नेशनल रेसिस्टेंस फ्रंट (एनआरएफ) के नेता अहमद मसूद के किसी भी तरह संदेश को प्रसारित करने पर प्रतिबंधित लगा दिया गया है।
तालिबान ने अफगान मीडिया को इस बारे में सख्ती के साथ आदेश जारी किया है। रशियन न्यूज एजेंसी ने अल अरबिया न्यूज के हवाले से यह जानकारी दी है।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि तालिबान ने अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई और राष्ट्रीय सुलह (मध्यस्थता) और शांति स्थापित करने के लिए बनाई गई उच्च स्तरीय कमेटी के पूर्व चेयरमैन अबदुल्ला अबदुल्ला पर जनता से बात करने पर भी रोक लगा दी है।
आपको बता दें कि बीते दिन मीडिया को भेजे गए ऑडियो संदेश में अहमद मसूद ने अफगानिस्तान की जनता से अपील की थी कि आप कहीं भी हों, अंदर या बाहर, मैं आपसे हमारे देश की गरिमा, स्वतंत्रता और समृद्धि के लिए राष्ट्रीय विद्रोह शुरू करने का आह्वान करता हूं।”
उल्लेखनीय है कि तालिबान ने पंजशीर पर पूरा तरह से कब्जा करने का दावा किया है। यह आखिरी ऐसा प्रांत था जो अभी तक तालिबान के कब्जे से बाहर था।
वहीं एनआरएफ ने तालिबान के इन दावों का खंडन किया है। 15 अगस्त को तालिबान ने पूर्ण रूप से अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर कब्जा कर लिया था।
पंजशीर अहमद मसूद और पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह के नेतृत्व में एनआरएफए का गढ़ रहा है, जिन्होंने खुद को कार्यवाहक अध्यक्ष घोषित किया था।
मसूद ने कहा कि अगर तालिबान ने प्रांत छोड़ दिया तो वह लड़ाई बंद करने और बातचीत शुरू करने के लिए तैयार है।