काबुल: अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी के बाद से पत्रकारों पर बर्बरता का दौर जारी है।
तालिबान लड़ाके पत्रकारों को उनके काम को लेकर तंग करने के साथ ही यातनाएं दी जा रहे हैं।
ऐसे में कई पत्रकार देश छोड़ने पर मजबूर हुए हैं। एक पोस्ट के अनुसार पत्रकारों में खौफ है।
उनमें निराशा का माहौल है क्योंकि उन्होंने बीते 20 वर्षों के दौरान पत्रकारिता को जिस तरह स्थापित किया था, वह अब खतरे में है।
टीवी चैनलों पर सियासी बहस, मनोरंजन और संगीत शो के साथ विदेशी ड्रामा की जगह तालिबान सरकार के कार्यक्रमों को दिखाया जा रहा है।
अल अरबिया पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक काबुल पर कब्जे के बाद तालिबान लड़ाके पत्रकारों को खोज खोज कर परेशान कर रहे हैं।
कई पत्रकारों को यातनाएं दी जा रही हैं तो कुछ की हत्या कर दी गई है। पत्रकारों के कैमरों को छीनने की भी खबरें आ रही हैं।
अफगान नागरिकों के विरोध प्रदर्शनों को कवर करने वाले पत्रकारों को झूठे आरोपों में हिरासत में लिया जा रहा है।
तालिबान लड़ाकों ने इसी तरह के विरोध प्रदर्शन को कवर करने वाले दो पत्रकारों को लहूलुहान कर दिया था।
ऐसे हालात में ज्यादातर पत्रकार छिपकर रह रहे हैं और अपने इंटरनेट मीडिया अकाउंट को बंद कर दिया है।
कुछ देश छोड़कर जा चुके हैं। तालिबान ने महिला पत्रकारों को काम बंद करने और घर पर ही रहने को कहा है।