वॉशिंगटन: मुंबई में साल 2008 में हुए आतंकवादी हमले में शामिल आतंकवादी तहव्वुर राणा अमेरिका की ही हिरासत में ही रहेगा।
तहव्वुर को भारत ने भगोड़ा घोषित किया है। अगस्त 2018 में भारत ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।
संघीय अदालत में इस मामले की अगली सुनवाई 15 जुलाई को होगी।
संघीय अदालत के मजिस्ट्रेट जज जैकलीन चुलजियान ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के वकीलों और अभियोजकों को 15 जुलाई तक अतिरिक्त दस्तावेज दाखिल करने का आदेश दिया।
जब तक संघीय अदालत उसे भारत को प्रत्यर्पित करने का फैसला नहीं लेती, तब तक वह अमेरिकी में हिरासत में रहेगा।
सुनवाई के दौरान राणा की दोनों बेटियां अदालत में मौजूद रहीं। राणा ने जम्पसूट के साथ काला चश्मा पहना था। उसके पैर बंधे हुए थे।
भारतीय अधिकारियों का आरोप है कि राणा ने अपने बचपन के दोस्त डेविड कोलमैन हेडली के साथ मिलकर पाकिस्तान के आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा या आर्मी ऑफ द गुड की मदद करने के लिए मुंबई में 2008 के आतंकी हमलों की साजिश रची थी।
राणा और हेडली ने पाकिस्तान के मिलिट्री हाई स्कूल से साथ में पढ़ाई की है।