वाशिंगटन: अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के हाथ मंगल ग्रह की मिटटी नहीं लग पाई। इसकी वजह नासा का प्रीजरवरेंस रोवर का फेल होना बताया जा रहा है।
मंगल ग्रह पर नासा के रोवर प्रीजरवरेंस ने पहली बार लाल ग्रह की मिट्टी का सैंपल इकट्ठा करने की कोशिश की।
रोवर को इसके लिए कमांड भेजे गए और फिर कई साल से इसकी तैयारी कर रहे वैज्ञानिक और इंजिनियर नतीजों के इंतजार में लग गए।
सबसे पहले पाया गया कि रोवर ने सफलतापूर्वक ड्रिलिंग की और सैंपल ट्यूब को सील करके स्टोर कर लिया गया।
हालांकि, उनकी खुशी चंद पल की ही थी क्योंकि बाद में पाया गया कि पूरी प्रक्रिया का सही से पालन करने के बावजूद रोवर के हाथ सैंपल नहीं लग सका।
रोवर का कोरेर पूरी गहराई तक पहुंचा और मंगल पर गड्ढा भी बनाया जिसकी तस्वीर सामने आई।
नासा के मुताबिक इंजिनियरिंग टेलिमेट्री और अडॉप्टीव कोचिंग असेंबली में लगे केचेकॉम की तस्वीर से इस बात की पुष्टि हुई कि सैंपल ट्यूब को सील करके सफलता से स्टोर कर लिया गया था।
इस प्रक्रिया की सफलता अपने आप में एक अहम पड़ाव रहा जिसे पार कर लिया गया।
हालांकि, मंगल की मिट्टी शायद इसके लिए तैयार नहीं थी। नासा के मुताबिक मंगल पर कोई ठोस चट्टानी कोर नहीं मिली है।
माना जा रहा है कि जिस चट्टान को ड्रिल किया गया, वह बड़े टुकड़ों की जगह पाउडर जैसी थी।
इसके दाने इतने छोटे थे कि ड्रिलिंग के बाद सैंपल ट्यूब में पहुंच नहीं सके।दरअसल, जब वॉल्यूम नापी गई और तस्वीर सामने आई तो पाया गया कि सैंपल ट्यूब खाली ही है।
पहले तो समझ में नहीं आया कि हुआ क्या और फिर 90 वैज्ञानिकों और इंजिनियरों की टीम इसकी खोज में जुट गए।
करीब दो दिन तक ऑब्जर्वेशन के बाद इस नतीजे पर पहुंचा गया कि प्रक्रिया में कोई गड़बड़ नहीं थी।
इसी तरीके से धरती पर 100 से ज्यादा कोर ड्रिल की जा चुकी हैं।