न्यूर्याक: अमेरिका में ऐसी बच्चों की खिलौना गन प्रतिबंधित हैं, जो असली की तरह दिखती हों। ऐसे करने पर जेल तक हो सकती है।
हाल में एक असली गन निर्माता कंपनी ने खिलौना बनाने वाली विश्व प्रसिद्ध कंपनी लेगो की खिलौना बंदूक जैसी असली गन का उत्पादन करना शुरू कर दिया।
इस पर अमेरिका में विवाद खड़ा हो गया। पहले तो हम नए विवाद की बात करते हैं। फिर खिलौना गन से संबंधित कानूनों पर आएंगे।
साथ ही ये भी देखेंगे कि आखिर क्यों दुनियाभर में बच्चों की खिलौना गन पर रोक की बात की जाती रही है।
आखिर इसका बाल मनोविज्ञान पर असर क्या पड़ता है। ये खबर करीब एक सप्ताह पहले की है।
जब अमेरिका की एक बंदूक कंपनी कल्पर प्रिसिजन ने ऐसी खिलौना गन को कॉपी करके उसकी असली गन बिक्री के लिए बाजार में उतार दी। ये गन लेगो की खिलौना पिस्तौल की तरह लगती है।
इसके उत्पादन और बिक्री को लेकर कल्पर प्रिसिजन के अपने तर्क थे।अमेरिका में इसका विरोध शुरू हो गया।
इसी बीच डेनिश टॉयमेकर कंपनी लेगो ने कल्पर प्रिसिजन को पत्र लिखकर मांग की कि वह इस हथियार का उत्पादन बंद कर दे।
बाजार में और ई कामर्स कंपनियों की साइट पर तमाम ऐसी टॉय गन बिक्री के लिए उपलब्ध हैं, जो असली जैसी लगती हैं।कई देशों में इन्हें इस तरह बेचना गैरकानूनी है।
समाचार माध्यमों में ये गन चर्चा का विषय बनी।आमतौर पर सभी ने माना कि ये गलत किया गया है। तुरंत इसकी बिक्री और उत्पादन बंद कर देना चाहिए, इसके परिणाम खतरनाक हो सकते हैं। बल्कि ऐसी गन लोगों की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकती है।
आखिरकार विवाद तब थमा जबकि कल्पर प्रिसिजन कंपनी के प्रेसीडेंट ब्रेंडन स्काट ने कहा, वकील से चर्चा के बाद वो लेगो के अनुरोध को मान रहे हैं।फिर बंदूक निर्माता कंपनी ने इसकी बिक्री रोक दी और इसे अपनी वेबसाइट से हटा दिया।
अमेरिका के कानूनों में गन बेचना जितना आसान है और इसे खरीदना भी जितना सहज लेकिन खिलौना बंदूकों को लेकर कानून उतने ही कठिन भी।
अमेरिकी कानून साफ कहते हैं कि कोई भी टॉय गन यानि खिलौना बंदूक असल जैसी नहीं दिखनी चाहिए।
वैसे भी बच्चों में बंदूक के खेल को लेकर लंबे समय से बहस होती रही है कि क्या ऐसे खिलौने बच्चों के हाथों में दिए जाने चाहिए।
अमेरिका में बच्चों और आग्नेयास्त्रों से होने वाली दुर्घटनाओं में वृद्धि हो रही है। पिछले साल बंदूक से जुड़ी ऐसी घटनाओं में 140 से ज्यादा लोग मारे गए थे।
अमेरिका में कोई भी खिलौना पिस्तौल तब तक ना तो निर्माण की जा सकती है और ना ही उसकी बिक्री हो सकती है जब तक कि उसकी टिप या नाल गुलाबी रंग की ना हो।
अमेरिका में आमतौर पर बडे़ स्टोर्स ने 1968 की मई में मार्टिन लूथर किंग और फिर इसी साल जून में राबर्ट एफ कैनेडी की हत्या के बाद इसे अपनी बिक्री सूची से हटा लिया था।
1970 के दशक में अमेरिका में गन नियंत्रण की पैरवी करने वालों ने संघीय सरकार से खिलौना गन की बिक्री और उत्पादन पर रोक लगाने की मांग की।
हालांकि खिलौना इंडस्ट्री ने इसका विरोध किया। 1973 में अमेरिका के नए बने अमेरिकी कंज्यूमर प्रोडक्ट सेफ्टी कमीशन को ग्राहकों के ढेरों पत्र और शिकायतें मिलने लगीं कि टॉय गन और खिलौना हथियारों के लिए अलग सुरक्षा मानक तय करे।
इनकी डिजाइन भी अलग हो।लेकिन अब भी खिलौना निर्माता कई ऐसी गन और खिलौना हथियार बना रहे थे जो असली जैसी लगती थीं, बस अब खिलौनों के पैकेट के साथ एक वार्निंग लेबल और दिशानिर्देश चिपकने लगे थे।
कंज्युमर प्रोडक्ट सेफ्टी कमीशन ने बेशक ऐसे खिलौनों के लिए नियम बनाने में ज्यादा रुचि नहीं दिखाई लेकिन अमेरिका के ही डिपार्टमेंट ऑफ कामर्स ने इनके उत्पादन, बिक्री और इसकी शिपिंग पर रोक लगा दी।
डिपार्टमेंट शर्त रख दी कि सभी खिलौना गन की नोंक या आरेंज कलर की रखी जाए या पूरी तरह से उनके रंग चमकीले हों। जिन निर्माताओं ने इसका पालन किया, उनके उत्पादन और बिक्री पर रोक नहीं थी।