डेल्टा वैरिएंट से भी ज्यादा खतरनाक, असामान्य तरीके का म्यूटेशन
लंदन: कोरोना के अलग-अलग वैरिएंट का खतरा दुनियाभर में बढ़ता जा रहा है। डेल्टा वैरिएंट के बढ़ते खतरे के बीच कोरोना का एक नया वैरिएंट लैमडा वैरिएंट सामने आया है।
यूके के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि लैमडा नामक एक नया कोरोना वायरस स्ट्रेन, डेल्टा वैरिएंट की तुलना में बहुत अधिक खतरनाक है। पिछले चार हफ्तों में 30 से अधिक देशों में इसका पता चला है।
पेरू में मिला कोरोना वायरस का लैमडा वैरियंट दुनिया के अलग-अलग देशों में तेजी से फैल रहा है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक यह ब्रिटेन समेत कई देशों को अपनी चपेट में ले चुका है। यूके में अब तक लैमडा स्ट्रेन के छह मामलों का पता चला है।
रिपोर्ट के मुताबिक, शोधकर्ता इस बात को लेकर चिंतित हैं कि लैमडा वैरिएंट, डेल्टा वैरिएंट की तुलना में अधिक संक्रामक हो सकता है।
लैमडा वैरिएंट का पहला मामला पेरू में दर्ज किया गया था। इस वेरिएंट को सी। 37 स्ट्रेन के रूप में भी जाना जाता है।
यूरो न्यूज ने पैन अमेरिकन हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (पीएएचओ) के हवाले से बताया कि पेरू में मई और जून के दौरान रिपोर्ट किए गए कोरोना वायरस केस के नमूनों में लैमडा वेरिएंट का लगभग 82 प्रतिशत हिस्सा है।
पेरू में लैमडा वेरियंट के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं।
डेल्टा वैरियंट ने अभी भी भारत समेत दुनिया के कई देशों में डर फैला रखा है। चिंता की बात यह है कि वैक्सीन के इस पर असर को लेकर अलग-अलग तरह की रिपोर्ट्स लगातार सामने आ रही हैं।
हाल ही में इजरायल के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि फाइजर वैक्सीन का असर इजरायल में घटकर 64 फीसदी हो गया है। यह गिरावट इजरायल में डेल्टा वैरिएंट के प्रसार के साथ सामने आई है।
नया आंकड़ा 6 जून से 3 जुलाई के बीच का है। 2 मई से 5 जून के बीच इसी वैक्सीन का असर 94.3 फीसदी देखा गया था।
इसी बीच लैमडा वेरियंट के आने से चिंताएं और बढ़ गई हैं। खासकर इसलिए क्योंकि इस कोरोना वेरिएंट में असामान्य तरीके का म्यूटेशन है।