जिनेवा: कोरोना वायरस के नए म्युटेशन बी.1.621 को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है।
श्व स्वास्थ्य संगठन कोरोना वायरस के नए वेरिएंट बी.1.621 को मॉनिटर कर रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे वेरिएंट ऑफ इंट्रेस्ट घोषित किया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि इस नए वेरिएंट से कोरोना वैक्सीन का असर कम होने का खतरा है।
वेरिएंट ऑफ इंट्रेस्ट का मतलब है कि इसे वेरिएंट ऑफ कंसर्न के रूप में क्लासिफाइड करने से पहले इसकी प्रकृति और संक्रामकता शक्ति की निगरानी होगी।
पिछले दिनों डब्ल्यूएचओ ने कहा था कि कोरोना का बी.1.617 वैरिएंट पहली बार भारत में पिछले साल दिसंबर में पाया गया था।
यह वेरिएंट वायरस के ओरिजिनल वेरिएंट की तुलना में अधिक आसानी से फैल रहा है।
कोरोना पर काम कर रही डब्ल्यूएचओ की वैज्ञानिक मारिया वान केरकोव ने कहा था कि कोरोना का बी 1.617 वेरिएंट का संक्रमण तेजी से फैल रहा है, इसकी जानकारी उपलब्ध हैं।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार भारत के बी.1.617 वेरिएंट वायरस की संक्रमण क्षमता बहुत ज्यादा है।
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि वेरिएंट में ऐसे म्यूटेशन हैं जो कोरोना के खिलाफ टीका लगवाने के बाद भी शरीर में अटैक कर सकता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जोर देकर कहा कि इसे बेहतर ढंग से समझने के लिए और स्टडी की जरूरत है।
बुलेटिन में कहा गया है कि नए वायरस म्यूटेशन के उभरने से व्यापक चिंता बनी है, क्योंकि संक्रमण दर फिर से विश्व स्तर पर बढ़ रहा है।
यह अत्यधिक संक्रामक डेल्टा संस्करण के कारण बढ़ रहे हैं। विशेष रूप से असंक्रमित के बीच और उन क्षेत्रों में जहां एंटी-वायरस उपायों में ढील दी गई है।
बता दें कि कोरोना वायरस महामारी को खत्म करने के लिए भारत समेत दुनियाभर में वैक्सीनेशनका काम जारी है।
कोरोना भी अपने नए-नए रंग रुप में लौट कर आ रहा है और मानव जाति के लिए खतरा बना हुआ है।