लंदन: रहस्यमय स्पेस ऑब्जेक्ट को एलियन स्पेसक्राफ्ट बताने वाले हारवर्ड यूनवर्सिटी के प्रफेसर अवी लोएब ने दावा किया है कि धरती का अंत किसी एलियन सभ्यता के साइंस एक्सपेरिमेंट की गलती से हो सकता है।
साइंटिफिक अमेरिकन में लिखे आर्टिकल में लिखा है कि एक विशाल पार्टिकल एक्सेलरेटर ऐसा डार्क एनर्जी विस्फोट पैदा कर सकता है जो रोशनी की गति में पूरी गैलेक्सी को जला सकता सकता है।
उनके मुताबिक इससे बचने के लिए इंटरस्टेलर डिप्लोमेसी जल्द से जल्द करनी होगी। अभी दुनियाभर की स्पेस एजेंसियां दूसरी दुनिया में जीवन खोजने में ही लगी हैं।
आज तक जीवन का कोई सबूत हाथ नहीं लगा है। ऐसे में सुपर-अडवांस्ड सभ्यता का होना भी एक कल्पना है और कूटनीति करना और भी दूर की बात है।
लोएब ने लिखा है, इस तरह की आपदा से बचने के लिए न्यूक्लियर टेस्ट बैन थिअरी की तरह समझौता बनाना होगा।
लोएब का कहना है कि अगर ऐसी कोई संभावना होगी तो डार्क एनर्जी का एक बबल बन जाएगा जो फैलता जाएगा और अपने रास्ते में आने वाली हर चीज को तबाह कर देगा।
लोएब का कहना है कि इस तरह की घटना के बारे में पहले से चेतावनी मिलना भी मुश्किल होगा क्योंकि रोशनी की गति से तेज कोई सिग्नल आ नहीं सकेगा।
इससे पहले लोएब तब चर्चा में थे जब उन्होंने दावा किया था कि 19 अक्टूबर, 2017 को देखी गई स्पेस रॉक दरअसल एलियन लाइफ का सबूत थी। यूनिवर्सिटी ऑफ हवाई के पैन-स्टार्स 1 टेलिस्कोप ने इसे देखा था।
सिगार के आकार का ये ऑब्जेक्ट 1.96 लाख मील प्रतिघंटा की रफ्तार से धरती के करीब से गुजरा था और इसे धूमकेतु या ऐस्टरॉइड माना गया था। हालांकि, ऐवी का कहना है कि यह कोई आम स्पेस रॉक नहीं थी।