काबुल: अफगानिस्तान में तालिबानी नेता आश्वासन देते रहे कि महिलाओं और उनके अधिकारों का सम्मान किया जाएगा, लेकिन दो दिन के अंदर ही उसकी सच्चाई सामने आती दिख रही है।
ताजा मामले में दावा किया गया है कि एक महिला को इसलिए मौत के घाट उतार दिया गया क्योंकि उसने बुर्का नहीं पहना था।
रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि सार्वजनिक स्थान पर बिना सिर ढके घूमने के लिए एक महिला को मौत के घाट उतार दिया गया।
ताजा रिपोर्ट के मुताबिक टखर प्रांत में मंगलवार को एक महिला को बुर्का नहीं पहनने के लिए मार दिया गया। इ
समें कहा गया कि महिला का शव खून में लथपथ जमीन पर था और उसके परिजन पास में बैठकर रो रहे थे।
इससे पहले देश के तीसरे सबसे बड़े शहर, हेरात में लड़कों के साथ-साथ लड़कियां भी उम्मीद से उलट स्कूल लौटने लगीं लेकिन तालिबान लड़ाकों ने स्कूल के दरवाजे पर ही उन्हें हिजाब और सिर ढंकने का रुमाल देना शुरू कर दिया था।
राजधानी काबुल में, एक महिला समाचार एंकर ने टीवी स्टूडियो में तालिबान के एक अधिकारी का साक्षात्कार लिया जो ऐसा दृश्य था जिसकी एक वक्त में कभी कल्पना करना भी मुश्किल था।
वर्ष 1996 से 2001 के बीच लड़कियों के स्कूल बंद कर दिए गए थे और उन्हें यात्रा करने तथा काम करने पर रोक लगा दी गई थी।
यही नहीं महिलाओं को सार्वजनिक स्थानों पर सिर से लेकर पांव तक ढंकने वाला बुर्का पहनने के लिए बाध्य किया जाता था।
तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कहा कि हिजाब के लिए बुर्का एकमात्र विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा कि कई तरह के हिजाब हैं और ये बुर्का तक सीमित नहीं है।
बहरहाल अफगानिस्तान में तालिबान राज के अंदर महिलाओं की कैसी हालत होगी इसकी चिंता सबसे बड़ी रही है।