काबुल: अफगानिस्तान में तालिबान के काबिज होने के बाद से महिलाओं को लेकर कयासों का दौर जारी है।
हालांकि तालिबान ने महिलाओं की सत्ता में भागीदारी की बात कही है। इसी क्रम में तालिबान ने काबुल में महिलाओं को काम पर आने, बाजार जाने जैसी छूट दी है।
विशेषज्ञों के अनुसार यह सिर्फ दुनिया को दिखाने भर के लिए किया जा रहा है जबकि दूसरे प्रांतों के लिए ऐसा आदेश नहीं दिया गया है।
काबुल में बाजार धीरे-धीरे खुल रहा है। फैंसी तस्वीरों वाले ब्यूटी पार्लर बंद हैं। शहर के कुछ हिस्सों में सड़कों के किनारे तालिबान लड़ाके अफगान पुलिस के वाहनों में गश्त कर रहे हैं।
शहर के दूसरे हिस्सों में तालिबान अपनी बाइक या पिकअप कारों में दिख रहे हैं।
इन वाहनों पर तालिबान के झंडे लगे हुए हैं। तालिबान ने पुलिस जिला जैसे अहम जगहों पर कुछ अस्थाई चौकियां भी बना ली हैं।
स्थानीय पत्रकार इस्माइल एंडलीप बताते हैं कि सुबह मैं सड़कों पर निकला था।
शहर के विभिन्न हिस्सों में तालिबान लड़ाके थे, हालांकि वे लोगों से कुछ नहीं कह रहे थे।
कई दफ्तरों में भी गया। स्वास्थ्य विभाग और अस्पतालों में महिला कर्मचारी, डॉक्टर और नर्स लौट आई हैं।
महिलाएं भी खरीदारी करती दिखाई दीं। काबुल पर कब्जे के बाद तालिबान ने घोषणा की थी कि वे लोगों को निशाना नहीं बनाएगा।
महिलाएं किसी विभाग में काम करना चाहती हैं, तो वह बिना किसी डर के कर सकती हैं।
पहली मेयर ने कहा- तालिबान का इंतजार कर रही हूं
अफगानिस्तान की पहली महिला मेयर जरीफा गाफरी ने तालिबान को कड़ी चुनौती दी है।
जरीफा ने कहा कि मैं इंतजार कर रही हूं कि तालिबान आए और मुझे व मेरे जैसे अन्य लोगों को मार डाले।
राष्ट्रपति अशरफ गनी के भाग जाने पर 27 वर्षीय जरीफा ने कहा कि मैं कहां जाऊं। परिवार और पति के साथ यहीं बैठी हूं। मदद करने वाला कोई नहीं है।
जरीफा 2018 में अफगानिस्तान के मैदान वारदक की पहली महिला मेयर चुनी गई थीं।
पहले भी उन्हें तालिबान से हत्या की धमकी मिल चुकी है और तीन बार उन पर हमला हो चुका है।