केरल भाजपा में बढ़ी अन्तर्कलह, बैठक से नदारद रहीं शोभा सुरेन्द्रन

Central Desk

तिरुवनंतपुरम: केरल भाजपा की फायरब्रांड महिला नेता शोभा सुरेन्द्रन के त्रिसूर में पार्टी आलाकमान द्वारा आहूत बैठक में शामिल नहीं होने के मद्देनजर पार्टी की प्रदेश इकाई में अन्तर्कलह उभर कर सामने आयी है।

शोभा पार्टी की प्रदेश इकाई की महासचिव और राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य भी रह चुकी हैं। इस बैठक में प्रदेश प्रभारी सीपी राधाकृष्णन और कई बड़े स्थानीय नेता उपस्थित थे।

उल्लेखनीय है कि के. सुरेन्द्रन को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के बाद से ही शोभा नाखुश थीं। भाजपा की प्रदेश इकाई में सुरेन्द्रन और शोभा दोनों दो अलग-अलग पदों पर तैनात थे और उनके दायित्व भी अलग-अलग थे।

सुरेन्द्रन के पदभार ग्रहण करने के बाद मार्च, 2020 में शोभा को प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया। लेकिन, उन्होंने इस पद को यह कहते हुए ग्रहण करने से इनकार कर दिया कि यह उनके लिए पदावनति है क्योंकि वह पार्टी की प्रदेश महासचिव रह चुकी हैं।

बहरहाल, शोभा के इस कदम से सुरेन्द्रन और उनके मार्गदर्शक विदेश राज्य मंत्री व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष वी. मुरलीधरन के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। हालांकि इसके लिए उन पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रदेश नेतृत्व सहित कई मोर्चो से दबाव भी था।

सुरेन्द्रन ने मौजूदा घटनाक्रम पर त्रिसूर में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि शोभा हमारी टीम का अभिन्न हिस्सा हैं। संभवत: वह कुछ व्यक्तिगत कारणों से इस बैठक में शामिल नहीं हो पाईं।

शोभा एक अच्छी वक्ता हैं और इसी का परिणाम है कि पार्टी कार्यकर्ताओं और उनसे सहानुभूति रखने वालों में उनकी अच्छी पैठ है। 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने अट्टिंगल सीट से चुनाव लड़ा था।

उन्होंने भाजपा के टिकट पर पलक्कड़ विधानसभा सीट से भी चुनाव लड़ा था। यह उनका करिश्मा ही कहा जा सकता है कि लोकसभा चुनावों में पार्टी का वोट प्रतिशत 10 प्रतिशत से बढ़कर 24 प्रतिशत तक पहुंच गया।