रांची: राजधानी में इसी साल 10 जून को जुमे की नजाम (Jumma prayer) के बाद हुए उपद्रव (Ranchi Violence), गोलीबारी, पथराव मामले की जांच अब बंद (Close) कर दी गई है।
निर्णय सरकार के स्तर पर लिया गया है। बता दें कि राज्य सरकार के निर्देश पर जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी गठित बनी थी। उसे जांच को पूरा करने के लिए 14 सितंबर तक का समय मांगा गया था। लेकिन समय नहीं दिया गया।
ऐसे में जांच (Investigation) को बंद कर दिया गया। बता दें कि मुख्यमंत्री (Chief Minister) ने एक सप्ताह के अंदर कमेटी को जांच कर पूरी रिपोर्ट देने का निर्देश दिया था। अधिकारियों ने 13 जून से जांच शुरू की थी।
दिए गए समय में जांच पूरी नहीं होने की वजह से कमेटी ने एक महीने का अवधि विस्तार मांगा था। हालांकि समय बढ़ाने के बाद भी जांच पूरी की जा सकी। बता दें कि जांच के दौरान कमेटी ने ढाई सौ से अधिक लोगों के बयान रिकॉर्ड किए थे।
मामले में तत्कालीन DC और SP से भी जवाब-तलब किया गया था।
उपद्रव में दो की हो गई थी मौत, कई लोग हुए थे घायल
मेन रोड (Main Road) में हुए उपद्रव में हुई फायरिंग (Firing) में दो युवकों की मौत (Death) हो गई थी। जबकि पथराव में कई लोग घायल भी हो गए थे।
दुकानों को भी नुकसान पहुंचाया गया था। मृतकों में मुद्दीसर और साहिल शामिल थे। इस घटना में पुलिस के जवान भी घायल हुए थे। बता दें कि इस घटना के बाद रांची में पहली बार इंटरनेट (Internet) को बंद करना पड़ा था।
ऐसा यह पहली बार हुआ था। इंटरनेट 24 घंटे से ज्यादा समय के लिए बंद किया गया था।
सरकार को सौंपी आरंभिक रिपोर्ट
सरकार को सौंपी अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में बिना किसी पूर्व सूचना के जुमे की नमाज के बाद विरोध मार्च निकालने और अचानक 10 हजार से अधिक लोगों की भीड़ के उग्र होने का जिक्र किया था।
हमलावर होकर पत्थर बरसा रही अनियंत्रित भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस द्वारा फायरिंग करने की बात कही गयी थी।