दुबई: ईरान (Iran) ने शनिवार को कहा कि उसने रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defence) में काम कर चुके एवं दोहरी नागरिकता रखने वाले ईरानी-ब्रिटिश नागरिक (Iranian-British Citizen) को मृत्युदंड दे दिया है।
मौत की सजा नहीं देने की अंतरराष्ट्रीय चेतावनी (International Alert) के बावजूद फांसी देने पर पश्चिमी देशों के साथ तनाव और बढ़ने की आशंका है।
शीर्ष सुरक्षा अधिकारी अली शामखानी के करीबी सहयोगी अली रजा अकबरी की फांसी ईरान (Iran) में भीतर ही भीतर चल रहे सत्ता संघर्ष का संकेत भी देती है जो सितंबर में महसा अमीनी (Mahsa Amini) की मौत के बाद जारी प्रदर्शनों को रोकने की कोशिश कर रहा है।
यह स्थिति 1979 की क्रांति के बाद से इस्लामी गणराज्य के लिए सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है।
अपने ही लोगों के मानवाधिकारों को कोई सम्मान नहीं दिया: ऋषि सुनक
अकबरी की फांसी पर ब्रिटेन (Britain) ने तत्काल कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है जिसने इन विरोध प्रदर्शनों और यूक्रेन को निशाना बनाने वाले बम (Bomb) ले जाने वाले ड्रोन की आपूर्ति रूस को करने के कारण अमेरिका (America) और अन्य देशों के साथ मिलकर ईरान पर प्रतिबंध लगाए हैं।
ब्रिटेन के PM ऋषि सुनक ने कहा यह एक क्रूर और कायरतापूर्ण कृत्य है जिसमें एक बर्बर शासन ने अपने ही लोगों के मानवाधिकारों को कोई सम्मान नहीं दिया।
विदेश मंत्री जेम्स क्लेवलरी (James Clavellery) ने ब्रिटेन में ईरान के प्रभारी राजदूत को तलब किया और अस्थायी रूप से तेहरान से ब्रिटेन के राजदूत को वापस बुला लिया क्योंकि ब्रिटेन ने इस्लामी गणराज्य के महाभियोजक को भी प्रतिबंधित कर दिया।
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा ईरान को हमारा यह जवाब सिर्फ आज तक सीमित नहीं है। फांसी के बाद ईरान ने इसी तरह ब्रिटिश राजदूत (British Ambassador) को भी तलब किया।
फांसी कब दी गई इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। हालांकि कहा जा रहा है कि उन्हें कुछ दिन पहले फांसी दी गई।
अकबरी का एक ऑडियो संदेश किया प्रसारित
ब्रिटेन की MI-6 खुफिया एजेंसी का जासूस होने का सबूत पेश किए बिना ईरान ने अकबरी पर जासूसी का आरोप लगाया था।
ईरान की Judiciary द्वारा जारी एक लंबे बयान में दावा किया गया कि अकबरी को खुफिया सेवा को जानकारी प्रदान करने के लिए लंदन में बड़ी रकम ब्रिटिश नागरिकता और अन्य मदद मिली।
निजी थिंक टैंक चलाने वाले अकबरी को 2019 के बाद से सार्वजनिक रूप से नहीं देखा गया। ऐसी आशंका थी कि उन्हें गिरफ्तार किया गया था। लेकिन इसकी विस्तृत जानकारी हाल के सप्ताह में सामने आई है।
जासूसी और राष्ट्रीय सुरक्षा (National Security) से संबंधित अन्य अपराधों के अभियुक्तों पर आमतौर पर बंद दरवाजों के पीछे मुकदमा चलाया जाता है।
मानवाधिकार समूहों का कहना है कि ऐसे अभियुक्त अपने लिए वकील तक खड़ा नहीं कर सकते और उन्हें अपने खिलाफ सबूत देखने की अनुमति नहीं होती है।
ईरान के सरकारी TV चैनल ने अकबरी का एक अत्यधिक संपादित वीडियो प्रसारित किया। इस वीडियो को सामाजिक कार्यकर्ताओं ने जबरन कराया गया कबूलनामा बताया।
बुधवार को अकबरी का एक ऑडियो संदेश (Audio Message) प्रसारित किया जिसमें उन्होंने यातना दिए जाने का वर्णन किया है।
एंटनी ब्लिंकन ने अकबरी की मौत की सजा की निंदा की
अकबरी ने ऑडियो में कहा शारीरिक और मनोवैज्ञानिक तरीकों का इस्तेमाल करके उन्होंने मेरा मनोबल तोड़ा मुझे पागल करने की तमाम कोशिशें की गईं और मुझे यह सब करने के लिए मजबूर किया गया।
बंदूक के बल पर और जान से मारने की धमकी देकर उन्होंने मुझसे झूठे दावों को कबूल करवाया। ईरान ने यातना के दावों पर कोई टिप्पणी नहीं की है। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने अकबरी की मौत की सजा की निंदा की है।
ब्लिंकन ने कहा हम उनके चाहने वालों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं और ईरान को उसकी दिखावटी सुनवाई और राजनीति (Politics) से प्रेरित इस फांसी के लिए जवाबदेह ठहराते रहेंगे।
ईरान में अमेरिका (America) के विशेष राजदूत रॉबर्ट मैली ने कहा कि वह अकबरी की फांसी से काफी दहल गए हैं।