Iranian Administration put him to Death : गत 10 महीनों में Iran में 604 लोगों को फांसी पर लटका दिया है। ईरान ने अपने नागरिकों को Israel की खुफिया Agency मोसाद (Mossad) के लिए काम करने का दोषी पाया था। खुफिया Documents को आधार बना ईरान ने फांसी देने वाले शख्स पर जासूसी का आरोप लगाया और फिर आखिरकार उसे फांसी पर लटका दिया।
एक Report के मुताबिक अकेले पिछले 10 दिनों में 42 लोगों को ईरानी प्रशासन (Iranian Administration) ने मौत के घाट उतार दिया। इस तरह अगर देखें तो हर 6 घंटे में एक शख्स को फांसी दी गई।
ईरान अंदरूनी समस्याओं से लगातार जूझ रहा है। सबसे बड़ी दिक्कत है वहां अर्थव्यवस्था और दूसरा देश का सख्त इस्लामिक कानून। इस्लामिक कानूनों का ही हवाला देकर वहां की सरकार महिलाओं पर पाबंदी और बेहिसाब फांसी की सजाएं देती रही है।
कम से कम 229 लोगों को फांसी दी जा चुकी है
ईरान को लेकर काम करने वाली मानवाधिकार संगठनों के मुताबिक महस अमीनी की Police Custody में गई जान के बाद जो हिजाब विरोधी प्रदर्शन हुए, उसमें कम से कम 229 लोगों को फांसी दी जा चुकी है। इसी साल की बात है, नवंबर के महीने में संयुक्त राष्ट्र संघ (United Nations Organisation) ने ईरान में बड़ें पैमाने पर हो रही फांसी को Alarming बताया था।
2023 के शुरुआती सात महीनों में 419 लोगों को फांसी की सजा दे दी गई। 2022 की तुलना में यह 30 प्रतिशत तक अधिक था. वहीं एक दूसरे रिपोर्ट के मुताबिक इस साल के शुरुआती 10 महीनों में 604 लोगों को फांसी दे दी गई। यह संख्या पिछले आठ साल में सबसे अधिक थी। साल 2015 में सबसे अधिक 972 लोगों को ईरान में फांसी दी गई थी।
नवंबर महीने में जिन लोगों को फांसी दी गई, उनमें दो महिलाएं जबकि एक बच्चा शामिल था। मरने वाले लोगों में सबसे अधिक कुर्दिश और बलूची लोग हैं। कर्दिश और बलूची आबादी ईरान में अल्पसंख्यक है।
ईरान की बहुसंख्यक आबादी शिया है। इसके अलावा सरकार विरोधी प्रदर्शनों की अगुवाई करने वाले लोग भी Iranian Administration के निशाने पर रहे हैं। शाहीन गोबादी जो कि ईरान की सरकार के विरोधी माने जाते हैं, उनका कहना है कि ईरानी हूकुमत अपनी ही आवाम के साथ जंग लड़ रही है। लोगों की आवाज को दबाने के लिए फांसी जैसी कार्रवाई की जा रही है।