व्यापार,शिक्षा और निवेश के जरिये भारत से संबंध मजबूत कर रहा है आयरलैंड

News Aroma Media

नयी दिल्ली: आयरलैंड के राज्य व्यापार संवर्धन, डिजिटल और कंपनी विनियमन मंत्री रॉबर्ट ट्रॉय टीडी इस वर्ष के सेंट पैट्रिक दिवस पर मंत्रिस्तरीय मिशन के हिस्से के रूप में भारत की यात्रा पर हैं।

यह यात्रा आयरलैंड और भारत के बीच व्यापार, राजनीतिक, आर्थिक और वाणिज्यिक संबंधों को विकसित करने में एक बड़ी भूमिका निभायेगी।

यह आयरलैंड को अध्ययन के लिये पसंदीदा स्थान के रूप में बढ़ावा देगा। भारत में आयरिश कंपनियों द्वारा निर्यात में वृद्धि का समर्थन करने के लिये नवीन प्रौद्योगिकी के स्रोत और भारतीय कंपनियों द्वारा आयरलैंड में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को बढ़ावा देगा।

अपनी दिल्ली यात्रा के दौरान ट्रॉय ने आयरलैंड और भारत के बीच बढ़ते आर्थिक और शैक्षिक संबंधों का समर्थन करने और आगे सहयोग के अवसरों का पता लगाने के लिये शैक्षणिक संस्थानों के प्रमुख लोगों और अधिकारियों से मुलाकात की।

ट्रॉय के साथ इंटरप्राइज आयरलैंड में क्षेत्रीय निदेशक (मध्य पूर्व,अफ्रीका, भारत) के क्षेत्रीय निदेशक कॉनर फाही भी थे।

फाही ने कहा, इस यात्रा के कई सकारात्मक प्रभाव होंगे, जिनमें भारतीय व्यापार, शिक्षा और निवेश बाजार की बेहतर समझ शामिल है।

उन्होंने कहा कि भारत में विकास की काफी संभावनायें हैं, जबकि आयरलैंड के नवाचार और तकनीकी समाधान देश को अपनी क्षमता आगे बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।

शिक्षा, व्यापार, निवेश और संस्कृति से संबंधित दोनों देशों के बीच यह आदान-प्रदान दोनों दिशाओं में विकास लायेगा क्योंकि आयरलैंड अपनी कंपनियों के लिये विशेषज्ञ बाजार में प्रवेश और विविधता हासिल कर पायेगा।

स्थिरता और नवीन प्रौद्योगिकी पर फाही ने कहा, आयरलैंड एक हरित अर्थव्यवस्था है और हम मानते हैं कि सभी व्यवसायों के मूल में सततता बरकरार रखना महत्वपूर्ण है।

हम पेरिस समझौते का पुरजोर समर्थन करते हैं और हमारा ध्यान हरित समाधान प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ना है।

इसलिये हम आपूर्ति श्रृंखला के मुद्दों के निर्माण और समाधान के लिये स्थायी तरीके खोजने के लिये अनुसंधान में भारी निवेश कर रहे हैं।

हम उन भारतीय कंपनियों के साथ सहयोग करने की आशा कर रहे हैं, जो अपने संचालन में स्थिरता लाने के लिये अंतर्निहित समाधानों की तलाश में हैं। इसी कारण भारतीय बाजार में आइरिश कंपनियों के लिये अपार संभावनायें हैं।

कई आयरिश संगठन पहले से ही शिक्षा, आईसीटी, फार्मा और विमानन में काम कर रही भारतीय कंपनियों को तकनीकी सहायता प्रदान कर रहे हैं।

आयरलैंड विश्व स्तर पर दवाओं का तीसरा सबसे बड़ा निर्यातक है और पिछले कुछ वर्षों में भारत में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गयी है।

छात्र किसी भी राष्ट्र का भविष्य होते हैं और उनकी शिक्षा एक बेहतर कल की नींव होती है। भारत और आयरलैंड दोनों इस विश्वास को मानते हैं और दोनों देशों के कई प्रसिद्ध संस्थान विभिन्न विनिमय कार्यक्रमों में संलग्न हैं।

फाही ने कहा, आयरलैंड अवसरों का एक क्षितिज प्रदान करता है और उच्च शिक्षा के लिये यह एक पसंदीदा स्थान बन गया है।

मुझे खुशी है कि ट्रॉय ने दिल्ली विश्वविद्यालय का दौरा किया और भारत में शिक्षा के प्रमुख व्यक्तियों से मुलाकात की।

विश्व स्तरीय शिक्षा को सभी के लिये सुलभ बनाने के एक ही मिशन पर दोनों देश हैं। इसके अलावा, सीमा पार सहयोग उच्च शिक्षा उद्योग में एक क्रांति है और यह साझेदारी न केवल भारत-आयरलैंड के द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देगी बल्कि एक बेहतरीन प्रतिभा भी पैदा करेगी जो स्थायी भविष्य के लिये नवाचार का नेतृत्व करेगी।

इसके अलावा आयरलैंड में नवाचार एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखता है। हम इंटरप्राइज आयरलैंड में भी नवीन विचारों को प्रोत्साहित और समर्थन करते हैं।

आयरलैंड एक खुली अर्थव्यवस्था है, जो वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं को सहयोग करने के लिये विशाल अवसर प्रदान करती है।

ट्रॉय की भारत यात्रा भारत में आयरिश निर्यात को 2020 के 130 मिलियन से बढ़ाकर 2024 में 250 मिलियन करने के लक्ष्य को हासिल में मदद मिलेगी।