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इजरायल ईरान के ऑयल साइट्स या उसके बैलेस्टिक मिसाइल पर सकता है अटैक…

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Israel may attack Iran’s oil sites : इजरायल (Israel) ने अभी तक ईरान में किसी प्रकार की जवाबी कार्रवाई नहीं की है, लेकिन इसकी चेतावनी लगातार मिल रही है।

अमेरिका ने इजरायल को सलाह दी है कि वह ईरान के न्यूक्लियर साइट्स पर हमला (Attack on Nuclear Sites) न करे। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि उन्हें नहीं पता कि इजरायल अगला हमला कहां करेगा।

इस संदर्भ में, कयास लगाए जा रहे हैं कि इजरायल ईरान के ऑयल साइट्स या उसके बैलेस्टिक मिसाइल साइलोज को निशाना बना सकता है। ईरान ने इजरायल के Air Base की सुरक्षा को मजबूत किया है, और इजरायल को भी अपनी Air force के ऑपरेशंस में बाधा डालने के लिए ईरान के एयरबेस को निशाना बनाने का विकल्प खुला रखा है। ईरान में कुल 17 Air Base हैं, जिनमें से 10 से ज्यादा फाइटर बेस हैं।

भारतीय बंदरगाहों के लिए मालवाहक जहाजों की आवाजाही प्रभावित हुई

इस स्थिति के बीच, भारत ने संयम बरतने और वार्ता के माध्यम से समस्या का समाधान खोजने का आह्वान किया है। भारत को इस संघर्ष से आर्थिक नुकसान का खतरा है, क्योंकि मिडिल ईस्ट की अशांति भारत की ऊर्जा सुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है।

इसके अलावा, भारतीय बंदरगाहों के लिए मालवाहक जहाजों की आवाजाही प्रभावित हुई है। एक साल से अधिक समय से, जहाज अफ्रीका के केपटाउन के पास Cape Of Good Hope के रास्ते भेजे जा रहे हैं, जो लंबा और महंगा है। इजरायल ने इस वर्षगांठ के अवसर पर हमास द्वारा किए गए हमले के दौरान जब्त किए गए उपकरणों की प्रदर्शनी भी आयोजित की है।

इसमें वे वाहन और उपकरण शामिल हैं जो हमास ने इजरायल में घुसपैठ के लिए इस्तेमाल किए थे। इन घटनाओं के बीच, यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि क्षेत्र में स्थिरता बनी रहे, क्योंकि किसी भी प्रकार का नया संघर्ष वैश्विक स्तर पर भूकंपीय प्रभाव डाल सकता है।

अमेरिकी एजेंसियों की रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि ईरान में ऐसे दो दर्जन से अधिक स्थल हैं जहां मिसाइल स्टोरेज और लॉन्चिंग साइट्स (Missile Storage and Launching Sites) स्थित हैं, जो जमीन से 500 मीटर नीचे हैं। केनेष्ट क्षेत्र में बैलेस्टिक मिसाइल स्टोरेज और साइलोज की जानकारी भी सामने आई है, जहां इजरायल द्वारा संभावित हवाई हमले का खतरा महसूस किया जा रहा है।

बता दें कि 7 अक्टूबर, 2022 को हमास द्वारा इजरायल पर किए गए हमले की पहली वर्षगांठ के अवसर पर, मिडिल ईस्ट में तनाव और संघर्ष ने एक बार फिर रुख किया है।

इस हमले के बाद, इजरायल ने हमास के खिलाफ जवाबी कार्रवाई शुरू की थी, जो अब तक छह Fronts पर जारी है। पिछले हफ्ते ईरान की ओर से हुए मिसाइल हमले के बाद, स्थिति और भी गंभीर हो गई है।

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