Israel-Hamas war : इजरायल-हमास जंग (Israel-Hamas war) में कुछ नरमी दिखी है। इसकी वजह इजरायल द्वारा 4 घंटे की मोहलत देना बताया जा रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार इस दौरान बमबारी (Bombing) बंद कर दी गई ताकि फिलीस्तीनियों को बाहर निकलने का रास्ता मिल सके। बताया जा रहा है कि लगभग 1500 फिलीस्तीनियों ने पैदल ही रास्ता तय किया।
जंग के 34वें दिन इजरायली सुरक्षा बलों (34th day Israeli security forces) ने दावा किया है कि उसने अब तक हमास के 130 सुरंगों को ध्वस्त कर दिया है।
इस बीच, हजारों फिलिस्तीनियों (Palestinians) को उत्तरी गाजा से निकलकर दक्षिण की तरफ शरण लेने के लिए पैदल ही जाते देखा गया। ये लोग हाथों में सफेद झंडे लहराते हुए शरण की तलाश में दक्षिण गाजा की ओर बढ़ रहे थे।
हालांकि, दक्षिणी गाजा में भी अब हालात सामान्य नहीं रह गए हैं क्योकि इजरायली सुरक्षा बलों ने पूरे क्षेत्र को हवाई हमलों से घेर लिया है।
इसी दौरान संयुक्त राष्ट्र ने बुधवार को कहा कि करीब 15,000 फिलिस्तीनियों ने गाजा की मुख्य सड़क सलाह अल-दीन रोड का उपयोग करके पैदल ही उत्तरी गाजा से दक्षिण की ओर जा चुके हैं। यह सोमवार को अनुमानित आंकड़े से तीन गुना है।
मिली जानकारी के अनुसार ऐसा तब संभव हुआ है, जब इजरायली फौजों ने बुधवार को नरमी दिखाते हुए बमबारी में चार घंटे की मोहलत दी ताकि उत्तरी गाजा के निवासी वहां से निकल सकें। चार घंटे तक बमाबारी रोकना इजरायल के रुख में आई नरमी का संकेत है।
गाजा पट्टी का कोई भी कोना अब इजरायली बमबारी से सुरक्षित नहीं रह गया
एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चल रहे सैन्य अभियान (Military Operation) के लिए जानकारी प्राप्त करना मुश्किल है, लेकिन गाजा के स्थानीय निवासियों का कहना है कि अब इजरायली सैनिकों ने सभी इमारतों और चौकियां पर कब्जा कर लिया है। अब उत्तरी गाजा में सिर्फ एक लाख लोग रह गए हैं, जबकि वहां की आबादी करीब 10 लाख है।
इजरायली सेना के अनुसार उत्तरी गाजा में अब हमास के बुनियादी ढांचे ध्वस्त हो चुके हैं और उस पर शिकंजा कस चुका है। उसकी जमीनी सेना ने गाजा शहर को घेर लिया है और फिलिस्तीनी समूहों (Palestinian Groups) के लड़ाकों के साथ झड़पें कर रही हैं। उधर, फिलिस्तीनियों का कहना है कि गाजा पट्टी का कोई भी कोना अब इजरायली बमबारी से सुरक्षित नहीं रह गया है।
इन हमलों की वजह से गाजा के 23 लाख निवासियों में से 70 फीसदी से अधिक लोग विस्थापित हो चुके हैं। वे अब शरणार्थी शिविरों में रहने को मजबूर हैं, जहां खाने-पीने से लेकर,दवा, बिजली तक का घोर अभाव है।
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय की मानें तो इजरायल की लगातार बमबारी (Bombing) में अब तक 10,569 से अधिक लोग मारे गए हैं, जिनमें 4,324 बच्चे भी शामिल हैं।