नई दिल्ली: कृषि कानूनों के विरुद्ध देश में जारी आंदोलन खत्म करने के लिए सोमवार को सरकार और किसानों के बीच सातवें दौर की बातचीत भी सफल नहीं हो पाई, क्योंकि तीन नए कृषि कानूनों को वापस लिये जाने की मांग पर किसान नेता अड़े रहे।
सरकार नए कृषि कानूनों पर किसान संगठनों की आपत्तियों और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर चर्चा करने पर जोर दे रही थी जबकि किसान नेता सबसे पहले कानूनों की वापसी पर फैसला लिये जाने की मांग कर रहे थे।
बैठक के बाद केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा , “30 दिसम्बर, 2020 को आयोजित पिछली बैठक में चर्चा हुई थी कि किसानों की परेशानियों को ध्यान में रखते हुए सरकार उनके मुद्दों पर समाधान करने हेतु हरसम्भव प्रयास करने के लिए तत्पर है।
साथ ही सरकार किसान प्रतिनिधियों के साथ खुले मन से चर्चा करके समाधान के लिए हरसंभव प्रयासरत है।
दोनों तरफ से कदम आगे बढ़ाने की जरूरत है। सरकार सभी सकारात्मक विकल्पों को ध्यान में रखते हुए विचार करने के लिए तैयार है।”
तोमर ने अपने बयान में आगे कहा कि किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए कृषि सुधार कानूनों से संबंधित मुद्दे पर अन्य राज्यों के किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से भी बात की जाएगी।
कृषि मंत्री ने यह भी कहा कि हम इन तीनों कानूनों पर बिन्दुवार चर्चा करेंगे और जिन-जिन बिन्दुओं पर किसानों को आपत्ति होगी, उन बिन्दुओं पर सरकार विचार करके यथा आवश्यक संशोधन करने के लिए तैयार है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज की बैठक में सरकार और किसान नेताओं में आपसी सहमति से यह तय किया गया कि आगे भी चर्चा जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि अगली बैठक 8 जनवरी को दोपहर दो बजे होगी।
विज्ञान भवन में सोमवार को हुई बातचीत का एक सकारात्मक पहलू यह रहा कि दोनों पक्ष 8 जनवरी को बातचीत करने पर सहमत हो गए।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने बैठक के बाद कहा कि हम चाहते थे कि किसान यूनियनें तीन कानूनों पर चर्चा करें।
हम किसी भी समाधान तक नहीं पहुंच सके, क्योंकि किसान यूनियनें कानूनों को निरस्त करने पर अड़ी रहीं।
उन्होंने कहा कि चर्चा का माहौल अच्छा था परन्तु किसान नेताओं के कृषि क़ानूनों की वापसी पर अड़े रहने के कारण कोई रास्ता नहीं बन पाया। किसानों का भरोसा सरकार पर है, इसलिए अगली बैठक तय हुई है।
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि तीनों कृषि क़ानूनों को वापस लेने और एमएसपी पर 8 जनवरी को फिर से चर्चा की जाएगी ।
उन्होंने कहा कि हमने सरकार को स्पष्ट कर दिया है कि क़ानून वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं होगी।