नई दिल्ली: उत्तर पश्चिमी दिल्ली के जहांगीरपुरी में 16 अप्रैल को हनुमान जयंती के जुलूस के दौरान हुई हिंसक झड़पों के तीन दिन बाद भी स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।
हिंसा प्रभावित क्षेत्र कड़ी सुरक्षा घेरे में है। अत्यधिक बैरिकेडिंग और अर्धसैनिक बलों के साथ पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है। आसपास की कई दुकानें अभी भी बंद हैं।
पुलिस ने क्षेत्र को पांच सेक्टरों 1, 2, 3, 4 और 5 में विभाजित किया है ताकि किसी भी आपात स्थिति में क्षेत्र को प्रभावी ढंग से सुरक्षित किया जा सके। हर सेक्टर में पुलिस कर्मियों का नेतृत्व अतिरिक्त डीसीपी कर रहे हैं।
सांप्रदायिक हिंसा का मामला क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर किया गया। जिसके बाद मामले की सभी पहलुओं की जांच के लिए लगभग 14 टीमों का गठन किया गया।
आधिकारिक तौर पर पता चला कि क्राइम ब्रांच ने जांच तेज कर दी है और इलाके में तलाशी अभियान चला रही है। पुलिस गुल्ली नाम के एक व्यक्ति की तलाश कर रही है क्योंकि पुलिस ने जांच में पाया है कि उसने इमाम उर्फ सोनू उर्फ यूनुस को अवैध बंदूक दी थी। इसी बंदूक से सांप्रदायिक झड़पों के दौरान गोलियां चलाई गई थीं।
आरोपी इमाम को उत्तर पश्चिमी जिला पुलिस के स्पेशल स्टाफ ने एक दिन पहले गिरफ्तार किया था। पूछताछ में आरोपी इमाम ने खुलासा किया कि हिंसा के दौरान कुशल चौक के पास उसने अपनी पिस्टल से फायरिंग की थी।
पथराव की छिटपुट घटना को छोड़कर सोमवार को स्थिति शांतिपूर्ण रही। पथराव की घटना तब हुई जब उत्तर पश्चिम जिले की एक पुलिस टीम सीडी पार्क रोड स्थित एक कथित शूटर के घर तलाशी और उसके परिवार के सदस्यों से पूछताछ करने पहुंची।
जब पुलिस वहां पहुंची तो उक्त व्यक्ति के परिवार वालों ने जवाबी कार्रवाई में उन पर पथराव किए, जिसके बाद पुलिस ने एक व्यक्ति को मौके पर ही हिरासत में ले लिया।