नई दिल्ली : उत्तर पश्चिमी जिले के जहांगीरपुरी में हुई हिंसा में पुलिस सूत्रों का कहना है कि दंगा की शुरूआत अंसार ने ही की थी। जब विवाद हुआ तो वह अपने साथियों के साथ कुछ ही कदमों की दूरी पर स्थिति एक ठेके की दुकान में जबरन साथियों के साथ घुस गया और वहां से शराब की बोतलों को लूटा।
दुकान के कर्मचारियों व गार्ड आदी ने विरोध करने पर उसने उनको धमकी दी। जिसके बाद बोतलों को लेकर श्रद्धालुओं पर फैंकना शुरू किया। उसके बाद सड़कों पर पड़ी ईंट व पत्थर फैंकने शुरू कर दिये।
पुलिस को सड़कों पर बोतलों के टुकड़ों का ढेर पड़ा मिला है। पुलिस ठेका मालिक व कर्मचारियों के भी बयान दर्ज कर रही है। ठेके में लगे सीसीटीवी कैमरों की भी फुटेज को कब्जे में लिया है।
खुद को दुकान में बंद कर घरवालों को दी थी हिंसा की खबर
ठेके पर काम करने वाले कर्मचारियों ने बताया कि सब दुकान के बाहर खड़े होकर शोभा यात्रा को देख रहे थे। लेकिन जब हिंसा हुई ताे अचानक से आधा दर्जन दंगाई दुकान में जबरन घुसे। जिन्होंने बोलतों को उठाना शुरू कर दिया। विरोध करने पर धमकी दी।
कर्मचारियों ने हिंसा देखकर किसी तरह से अपनी दुकान का शटर बंद करके खुद को अंदर बंद कर लिया। जिसके बाद मालिक व मैनेजर आदी को मामले की जानकारी दी गई। उन्होंने अपने परिवार वालों को भी फोन करके हिंसा होने की जानकारी दी।
आधे से पौन घंटे तक उन्होंने खुद को अंदर ही बंद रखा था। जब पुलिस बल आया और दंगाईयों को हटाया गया तब जाकर वह दुकान से बाहर निकले।
दंगा की जगह पर बोतलें, पत्थर, जूता चप्पल ही नजर आए
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि दंगे वाली जगह पर पुलिस को सबसे ज्यादा शराब की बोतलों के टूकड़े और पत्थर ही मिले हैं। इसके अलावा जूते चप्पल,कपड़े भी मिले हैं।
जिनको साक्ष्य के तौर पर जब्त किया गया है, लेकिन एक ही जगह पर इतने सारे ईंट पत्थर कहां से आए। जांच टीमें भी हैरान हैं। जिससे दंगा सुनियोजित होने का शक जाहिर हो रहा है।
क्या हिंसा करने के बाद दंगाई हुए फरार !
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि हिंसा करने के बाद जिस तेजी से पुलिस की जांच शुरू हुई है और दंगाईयों को पकड़ा जा रहा है। उससे दंगाई पकड़े जाने के डर से अपने अपने घरों से फरार हो गए हैं। ऐसे दंगाईयों के परिवार वालों से पूछताछ कर उनके ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है। उनके मोबाइल फोन को सर्विलांस पर लगाकर उनकी लोकेशन को ट्रेस करने की कोशिश की जा रही है। इस मामले में यह भी सामने आ रहा है कि कुछ दंगाई वहां के नहीं रहने वाले थे। जिनको पहचानने की कोशिश की जा रही है।
लोगों ने बताई दंगे की आंखों देखी-एच ब्लॉक के आरडब्ल्यूए प्रेसिडेंट विजय जिंदल
वह परिवार के साथ यहां पर काफी वर्षो से रह रहे हैं। लेकिन ऐसा दंगा कभी भी नहीं देखा। अगर कोई यह बोलता है कि हमने लोगों को बचाया तो वह शायद पूरी तरह से गलत बोल रहे है।
क्योंकि वहां पर बचने की कोई जगह नहीं थी। हर तरफ से पथराव हो रहा था बस। काफी डरावना सीन था।
नवरंग निवासी जहांगीरपुरी
यहां मैं अपने परिवार के साथ सन 76 से रह रहा हूं। कभी भी ऐसा नहीं हुआ है, लेकिन पिछले दो से तीन सालों में यहां के हालत पूरी तरह से बदल गए हैं। बाहरी लोग यहां आकर बस गए हैं।
जिससे कई प्रकार का अपराध बड़ा है। लोगों के पास पिस्टल तलवारे देखी गई है। दंगाई शोभा यात्रा को पूरी तरह से नष्ट कर लोगों को भी खत्म करना चाहते थे। लोगों को बचने की जगह तक नहीं मिल रही थी।
जहांगीरपुरी के विष्णु
कोविड में बिना किसी जाति धर्म को देखकर हमने खाना दिया, उनकी मजबूरियों को देखकर हर प्रकार की सहायता करने की कोशिश की थी।
भाई चारा बनाने की कोशिश की थी, लेकिन दंगाईयों ने जो किया है वो सोचने पर मजबूर कर रहा है। उनको सजा तो जरूर मिलनी चाहिए। ये कुछ ही लोग हैं, जो अपनी युवा पीढ़ियों को बढ़ने से पहले ही नरक में धकेलने की कोशिश कर रही है।
जयराम-जहांगीरपुरी
कश्मीर में जैसा होता था वैसा यहां पर देखा हमने, तलवार,लोहे की रोड,बड़े बड़े चाकू लहराते हुए दंगाईयों को देखा,वो अपने धर्म के नारे लगाकर दहशत मचाने की कोशिश कर रहे थे। जिनमें नाबालिग भी मौजूद थे। उनको देखकर बस डर ही लग रहा था। घरों की बेटियां व महिलाएं कांप रही थी और जल्द से जल्द दंगा बंद होने की प्रार्थना कर रही थी।
राजेन्द्र यादव-जहांगीरपुरी
कश्मीर में ही लड़कियों को पत्थरबाजी करते हुए देखा था,लेकिन अब अपने ब्लॉक में भी देख लिया।
उनको किसने बोला था ऐसा करने के लिये पुलिस को जरूर जांच करनी चाहिए,उनकी छतों पर ईंट पत्थर कहां से और कब पहुंचे,किसी को नहीं पता लगा,लेकिन दंगा सुनियोजित था यह पक्का हो गया है।
जीतू मालिक-जहांगीरपुरी
अब डर लगने लगा है, हम घर छोड़कर तो बिल्कुल नहीं जाएगें,क्योंकि हमकों हमारी पुलिस पर पूरा भरोसा है। वो भरोसा रात शनिवार से रविवार तक देख भी लिया।
बस अब खुद को सावधान रखने के बारे में सोचना पड़ेगा। अब भरोसा पूरा टूट चुका है इनपर से, जहां एक तरफ भजनों का आनंद ले रहे थे। कुछ ही मिनट में इन्होंने सुनियोजित तरीके से यात्रा पर पथराव कर दिया।
जिसमें बच्चे,बेटियां व महिलाएं भी थी शर्मनाक हुआ।