नयी दिल्ली: दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने सोमवार को कहा कि जहांगीर पुरी में मस्जिद पर भगवा ध्वज लगाने की कोई कोशिश नहीं हुई थी बल्कि एक मामूली विवाद के कारण हिंसा भड़की।
अस्थाना ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि लोग कह रहे हैं कि किसी ने मस्जिद पर भगवा ध्वज लगाने की कोशिश की। लेकिन यह सही नहीं है। ऐसी कोई कोशिश वहां नहीं हुई थी।
उन्होंने कहा कि अभी यह बताना जल्दबाजी होगी कि हिंसा किस वजह से भड़की। यह जांच का हिस्सा है और जांच अभी पूरी नहीं हुई है।
पुलिसकर्मी शुरू में ये दोनों समुदायों को अलग करने में भी सफल हो गये थे
हालांकि, जमात-उलेमा-ए-हिंद की दिल्ली इकाई के महासचिव अब्दुल राजिक ने दावा किया है कि वह रविवार को एक प्रतिनिधिमंडल के साथ हिंसा वाली जगह पर गये थे।
उन्होंने आईएएनएस से कहा कि जब मस्जिद के पास से तीसरी शोभायात्रा गुजर रही थी, तो कुछ उपद्रवियों ने मस्जिद में घुसने की कोशिश की और उन्होंने मस्जिद के गेट पर भगवा झंडा लगा दिया।
राकेश अस्थाना ने प्रेस कांफ्रेंस में यह भी कहा कि पुलिस अपना काम सही तरीके से कर रही थी और वहां पर्याप्त संख्या में पुलिसकर्मी तैनात थे। शुरू में ये दोनों समुदायों को अलग करने में भी सफल हो गये थे।
उन्होंने कहा कि हिंसक झड़प में नौ लोग घायल हुये, जिनमें से आठ पुलिसकर्मी हैं। इससे साफ पता चलता है कि पुलिस प्रभावी तरीके से काम कर रही थी, जिससे आम लोगों को नुकसान कम हुआ।