नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के जामिया हिंसा व दंगे और शाहीन बाग में सीएए ,एनआरसी और एनपीआर के विरोध में 100 दिनों तक चले प्रदर्शन को आज पूरा एक साल हो गया। 15 दिसंबर 2019 को जामिया विश्वविद्यालय के बाहर व अंदर पुलिस छात्रों के बीच जमकर संघर्ष हुआ था।
छात्रों की तरफ से जहां पुलिस टीम पर पथराव किया गया था, तो वहीं पुलिस की तरफ से भी कैंपस में घुसकर छात्रों के साथ मारपीट की गई थी।
अभी तक इस मामले में कुछ छात्रों सहित 22 आरोपित गिरफ्तार हो चुके हैं। इन सभी के खिलाफ आरोपपत्र भी दाखिल हो चुका है और कोर्ट में मामले की सुनवाई चल रही है।
कुछ इस तरह घटी थी घटना
जानकारी के अनुसार 15 दिसंबर 2019 को जामिया विश्वविद्यालय के बाहर छात्र सीएए के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। प्रदर्शन के दौरान अचानक कुछ प्रदर्शनकारी उग्र होकर पुलिसकर्मियों के उपर पथराव करने लगे।
पुलिस जब उनके पीछे गई तो सभी कैंपस में चले गए। कैंपस के भीतर से पुलिस पर पथराव किया गया था जिसके चलते पुलिस ने भी कैंपस में घुसकर छात्रों के साथ मारपीट की थी।
इसकी कुछ सीसीटीवी फुटेज भी सामने आई थी। इस घटना में करीब 150 लोग घायल हुए थे जिनमें 95 पुलिसकर्मी व अन्य छात्र शामिल थे। इस घटना के बाद ही 16 दिसंबर से शाहीन बाग का धरना शुरू हुआ था जो 101 दिन चला।
22 आरोपित दंगे में हो चुके है गिरफ्तार
15 दिसंबर के इस हंगामे को लेकर दिल्ली पुलिस की तरफ से दंगे की धारा में एफआइआर दर्ज की गई। इसकी जांच क्राइम ब्रांच की इंटरस्टेट सेल द्वारा करवाई गई।
वहीं सूत्रों की माने तो उक्त मामले की जांच के दौरान अब तक उन्होंने 22 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें जामिया छात्र आसिफ इकबाल तन्हा, मीरान हैदर, जेएनयू छात्र शरजील इमाम व क्षेत्रीय नेता आशु खान शामिल है।
इस मामले में गिरफ्तार किए गए सभी आरोपितों को आरोप पत्र दाखिल होने के बाद कोर्ट से जमानत मिल चुकी है।
वहीं फरवरी 2020 में हुए दंगों के लिए जामिया हिंसा को भी जिम्मेदार माना जाता है। दंगों को लेकर दाखिल किए गए आरोपपत्र में कई जगहों पर पुलिस ने इसका जिक्र भी किया है। उनका दावा है कि दिल्ली दंगों की साजिश जामिया हिंसा के समय से ही शुरू हो गई थी।
वहां चल रहे प्रदर्शन के दौरान कुछ लोगों ने आपस में मिलकर दिल्ली दंगे की साजिश रची। इस मामले में करीब एक दर्जन आरोपितों को स्पेशल सेल की टीम गिरफ्तार कर चुकी है। इनमें शरजील इमाम, उमर खालिद, आसिफ इकबाल तन्हा, मीरान हैदर, सफूरा जरगर शामिल है।
अभी भी आरोपितों की तलाश है पुलिस को
जामिया हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस की तरफ से एक पोस्टर जारी किया गया था जिसमें करीब 70 आरोपितों की तस्वीरें थी। क्राइम ब्रांच की तरफ से कहा गया था कि यह लोग जामिया हिंसा में शामिल हैं और इनके बारे में जानकारी देने वाले को इनाम भी दिया जाएगा।
बावजूद इनमें से अधिकांश आरोपितों की पहचान नहीं हो सकी। यह फोटो सीसीटीवी फुटेज वमोबाइल रिकॉर्डिंग के जरिये पुलिस द्वारा हासिल की गई थी।
शाहीन बाग, सीएए और एनआरसी के खिलाफ चलाए गए प्रदर्शन को पूरे हुए एक वर्ष
राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग में हुए सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में प्रदर्शन को एक वर्ष हो गया हैं। यह प्रदर्शन 15 दिसंबर 2019 से शुरू हुआ था जो 101 दिनों तक चला था। जिसे पुलिस के द्वारा कोरोना महामारी को देखते हुए बीते 24 मार्च को खत्म कराया था।