नई दिल्ली: भारत-इंडिया (Bharat-India) नाम पर विवाद के बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने शुक्रवार को केंद्र को चुनौती दी है।
श्रीनगर में पत्रकारों से बात करते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता ने कहा कि अगर केंद्र सरकार देश का नाम बदलने के लिए संविधान में बदलाव करेगी तो कोई भी उसका समर्थन नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि कोई भी इसे नहीं बदल सकता है।
देश का नाम बदलना आसान नहीं है। ऐसा करने के लिए आपको देश का संविधान बदलना होगा। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि अगर आप में हिम्मत है तो ऐसा करें, हम भी देखेंगे कि कौन आपका समर्थन करता है।
राष्ट्रपति भवन द्वारा 9 सितंबर को राष्ट्रपति की ओर से जी20 रात्रिभोज के लिए निमंत्रण भेजे जाने के बाद ऐसी अटकलों को बल मिला है कि केंद्र देश का नाम बदल कर इंडिया से भारत कर सकता है।
फारूक अब्दुल्ला ने कहा की पहले सविधान पढे वहा लिखा है की भारत और इंडिया एक है
नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के संरक्षक फारूक अब्दुल्ला ने भी शुक्रवार को इस पर टिप्पणी की और कहा, “पहले संविधान पढ़ें; वहां लिखा है कि भारत और इण्डिया एक हैं। आप (मीडिया) विवाद पैदा करते हैं।”
30 सदस्यीय LAHDC की 26 सीटों पर चुनाव 4 अक्टूबर को होंगे।
लद्दाख में अपने चुनाव चिन्ह के लिए सुप्रीम कोर्ट में जीत पर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमें उस चीज के लिए लड़ना पड़ा जो एक राजनीतिक दल के रूप में हमारा अधिकार था। चुनाव चिन्ह के आवंटन को लेकर चुनाव दिशा-निर्देश बिल्कुल स्पष्ट हैं।
स्पष्ट रूप से प्रशासन और लद्दाख का एजेंडा पक्षपाती था, यही वजह है कि वे सुप्रीम कोर्ट तक गए। लेकिन अगर आप फैसला पढ़ेंगे, खासकर विस्तृत फैसला और लद्दाख प्रशासन पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाना, अपने आप में इस बात का संकेत है कि अदालत ने लद्दाख सरकार के आचरण को कितनी गंभीरता से लिया है।
केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के चुनाव प्राधिकरण द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, 30 सदस्यीय LAHDC की 26 सीटों पर चुनाव 4 अक्टूबर को होंगे।