Ganja Recovered from the Bus: बिहार-झारखंड की सीमा पर स्थित समेकित जांच चौकी रजौली पर गुरुवार सुबह उत्पाद विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए राजधानी बस से 19.112 किलोग्राम गांजा (Ganja) बरामद किया। इस दौरान पांच तस्करों को गिरफ्तार किया गया और तीन मोबाइल फोन भी जब्त किए गए।
उत्पाद अधीक्षक अरुण कुमार मिश्रा (Arun Kumar Mishra) ने बताया कि समेकित जांच चौकी प्रभारी और उत्पाद एसआई बबलू कुमार के नेतृत्व में वाहन जांच के दौरान टाटा से पटना जा रही राजधानी बस (नंबर JH05CX-1970) को रोका गया।
बस में चार अलग-अलग व्यक्तियों के चार Airbag की तलाशी लेने पर उनमें से 20 पैकेट गांजा मिला। कुल 19.112 किलोग्राम गांजा बरामद किया गया।
गिरफ्तार तस्करों का विवरण
1. पिंटू राव: उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के सेवरही थाना क्षेत्र के बभनौली गांव निवासी। इनके बैग से 6 पैकेट में कुल 5.746 किलोग्राम गांजा बरामद हुआ।
2. अनुराग यादव: देवरिया जिले के गैरी बनार थाना क्षेत्र के नारायणपुर तिवारी गांव निवासी। इनके बैग से 5 पैकेट में 4.841 किलोग्राम गांजा मिला।
3. रितेश गौड़: देवरिया जिले के गौरी बाजार थाना क्षेत्र के बसहिया गांव निवासी। इनके बैग से 4 पैकेट में 4.298 किलोग्राम गांजा बरामद हुआ।
4. हीरामन निषाद उर्फ वीरु: कुशीनगर के जटहा बाजार थाना क्षेत्र के हीरनही गांव निवासी। इनके बैग से 5 पैकेट में 4.227 किलोग्राम गांजा जब्त किया गया।
मुख्य सरगना गिरफ्तार
गिरफ्तार तस्करों से पूछताछ के आधार पर बस में मौजूद मुख्य सरगना नवीन तिवारी को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
नवीन तिवारी (Naveen Tiwari) कुशीनगर जिले के सेवरही थाना क्षेत्र के सरगहिया करमपट्टी गांव का रहने वाला है। पुलिस के अनुसार, वह इन चारों तस्करों का प्रमुख संरक्षक और इस तस्करी रैकेट का मुख्य सरगना है।
डकैती या तस्करी का प्रयास
उत्पाद अधीक्षक के अनुसार, यह एक योजनाबद्ध तस्करी का मामला है। जांच टीम का मानना है कि आरोपी अवैध गांजे की तस्करी कर इसे बिहार पहुंचाने की कोशिश में थे।
जांच टीम की भूमिका
इस सफलता में जांच टीम के सदस्य उत्पाद ASI कैलाश पासवान, गृह रक्षक जितेंद्र कुमार वर्मा और धर्मेंद्र कुमार का महत्वपूर्ण योगदान रहा। टीम ने वसई-विरार और आसपास के क्षेत्रों में कई जगहों पर छापेमारी कर इन तस्करों को पकड़ा।
अदालत में पेशी और जेल भेजा गया
गिरफ्तार सभी आरोपियों को प्राथमिक पूछताछ के बाद न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। मामले की आगे की जांच जारी है।
यह कार्रवाई न केवल अवैध तस्करी के खिलाफ एक बड़ी सफलता है, बल्कि यह भी स्पष्ट करता है कि सुरक्षा एजेंसियां सीमावर्ती क्षेत्रों में तस्करी गतिविधियों को रोकने के लिए सतर्क हैं।