जमशेदपुर: आदिवासी संगठन ‘आदिवासी सेंगेल अभियान’ (ASA) ने सरनावाद को एक धर्म के रूप में मान्यता देने की मांग को लेकर अपना तीन घंटे का उपवास बुधवार को स्थगित कर दिया। ASA ने इस संबंध में पूर्वी सिंहभूम जिला प्रशासन से अनुमति नहीं मिलने के बाद यह कदम उठाया।
सलखान मुर्मू (Salkhan Murmu) ने बताया कि उन्हें मंगलवार रात जिला प्रशासन से एक पत्र मिला, जिसमें जमशेदपुर के साकची में आदिवासी महानायक बिरसा मुंडा की प्रतिमा के पास सुबह 10 बजे से दोपहर एक बजे तक उपवास करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया गया।
मुर्मू के आवास के पास पर्याप्त बल तैनात किया गया
पूर्व सांसद मुर्मू ने कहा कि अनुमति देने से इनकार कर दिया गया, क्योंकि उन्हें डर था कि व्यस्त क्षेत्र में कानून-व्यवस्था की स्थिति प्रभावित हो सकती है और यातायात बाधित हो सकता है।
उन्होंने कहा कि वह कदमा में फार्म एरिया स्थित अपने आवास पर उपवास करेंगे।
अधिकारियों ने बताया कि एहतियात के तौर पर मुर्मू के आवास के पास पर्याप्त बल तैनात किया गया है।