रांची : झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) ने जमशेदपुर स्थित स्वामी विवेकानंद सेवा ट्रस्ट (Swami Vivekananda Seva Trust) को वर्ष 2002-03 में केंद्रीय जनजाति विकास मंत्रालय से दिए गए 42 लाख के गबन मामले की जांच CBI को सौंपा है।
स्वामी विवेकानंद सेवा ट्रस्ट की याचिका की सुनवाई करते हुए मंगलवार को जस्टिस SK द्विवेदी की कोर्ट ने यह आदेश दिया।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता पांडे नीरज राय ने पक्ष रखा
इससे पहले इस मामले की जांच जमशेदपुर पुलिस ने की थी लेकिन अब हाई कोर्ट ने इस मामले की नए सिरे से जांच करने का आदेश CBI को दिया है।
भारत सरकार ने भी इस मामले में जमशेदपुर पुलिस एवं जिला प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाते हुए राज्य सरकार को मामले की CBI से जांच कराने की अनुशंसा करने को कहा था लेकिन इस दिशा में कोई एक्शन नहीं लिया गया था।
इसके बाद स्वामी विवेकानंद सेवा ट्रस्ट ने हाई कोर्ट में रिट याचिका दाखिल कर गबन की जांच करने का आग्रह किया था। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता पांडे नीरज राय ने पक्ष रखा।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2002-03 में स्वामी विवेकानंद सेवा ट्रस्ट, जमशेदपुर को केंद्रीय जनजातीय विकास मंत्रालय ने 42 लाख रुपये दिए थे।
जमशेदपुर पुलिस ने वर्ष 2020 में कांड संख्या 60/21 दर्ज किया
आरोप है कि इस पैसे का ट्रस्ट के सचिव सरोज दास (Saroj Das) ने विभिन्न बैंकों के माध्यम से गबन कर लिया। मामले में जमशेदपुर के बिस्टुपुर थाना में वर्ष 2003 में कांड संख्या 154/ 2003 दर्ज किया गया लेकिन पुलिस ने जांच में सरोज दास को क्लीन चिट दे दिया था।
इसके बाद स्वामी विवेकानंद सेवा ट्रस्ट एवं सरोज दास के खिलाफ जमशेदपुर पुलिस ने वर्ष 2020 में कांड संख्या 60/21 दर्ज किया, जिसे बाद में पुलिस ने क्लोज कर दिया था।