जमशेदपुर : झारखंड पब्लिक सर्विस कमिशन (JPSC) की ओर से राज्य में चल रही सहायक प्राध्यापकों की स्थाई नियुक्ति प्रक्रिया (Recruitment Process) पर सवाल उठाया है। संघ ने कहा है कि JPSC की पूरी प्रक्रिया संदेह के घेरे में है।
संघ ने दिया यह तर्क
संघ की ओर से आरोप लगाया गया है कि हाल में इतिहास विषय के लिए JPSC ने स्थायी नियुक्ति के लिए निर्धारित सीट से पांच गुना अधिक लोगों की सूची जारी की है।
इस सूची में शामिल अभ्यर्थियों के कागजात की जांच 11 और 12 अक्तूबर को की गई और जो अभ्यर्थी उस दिन नहीं पहुंच पाए थे, उनके प्रमाणपत्रों की जांच 25 तथा 26 अक्तूबर को की जानी है।
30 अक्टूबर को होना है इंटरव्यू
बताया जा रहा है कि साक्षात्कार 30 अक्टूबर को होना है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष राकेश कुमार पांडेय (Rakesh Kumar Pandey) ने कहा कि JPSC द्वारा जारी कागजात जांच वाली सूची में शामिल लोगों का प्वाइंट तो JPSC की Website पर दिखाई दे रहा है, लेकिन जिनको कागजात जांच के लिए नहीं बुलाया गया है, उनका प्वाइंट नहीं दिख रहा है। इससे अभ्यर्थियों के अंदर बहाली प्रक्रिया को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं।