जमशेदपुर: लौहनगरी के प्राइवेट स्कूलों ने बच्चों को 31 जनवरी तक हर हाल में कोरोना की वैक्सीन ले लेने की चेतावनी दी है।
वर्ना स्टूडेंट्स न आॅफलाइन क्लास में शामिल हो पाएंगे और न एग्जाम में ही बैठने की इजाजत दी जाएगी। स्कूलों की इस चेतावनी के बाद स्टूडेंट्स पर प्रेशर बढ़ गया है।
बता दें कि निजी स्कूलों की ओर से यह चेतावनी जिला प्रशासन की ओर से आदेश जारी किए जाने के बाद दी गई है।
मानवाधिकार आयोग पहुंचा अभिभावक संघ
जिले के निजी स्कूलों की ओर से जारी इस चेतावनी का विरोध भी शुरू हो गया है। जमशेदपुर अभिभावक संघ ने बकायदा लोयोला स्कूल बिष्टूपुर द्वारा जारी अनिवार्य रूप से वैक्सीन लेने के नोटिस की कॉपी राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को भेजकर लोयोला स्कूल समेत तमाम स्कूलों के इस आदेश पर रोक लगाने की मांग की है।
अध्यक्ष डॉण् उमेश कुमार की ओर से भेजे गए पत्र में आयोग से कहा गया कि वैक्सीनेशन को लेकर केंद्र सरकार के आदेश में इसकी अनिवार्यता जैसा कोई जिक्र नहीं है।
इसके बावजूद 15 से 18 आयु वर्ग के बच्चों को कोविड टीका लेने के लिए दबाव बनाया जा रहा है, जो अनुचित है।
टीका के बदले बच्चों को होम्योपैथिक दवा दे रहे पेरेंट्स
संघ ने कहा है कि भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा भी कोरोना संक्रमण को लेकर होम्योपैथिक दवा के नाम बताए गए हैं।
ऐसे में अभिभावक अपने बच्चों को कोविड 19 टीका की जगह होम्योपैथिक दवा दें तो उन्हें स्कूल आने से रोकने का कोई औचित्य नहीं है।
संघ का कहना है कि पहले अनुमंडल पदाधिकारी ने आदेश दिया कि जो बच्चे 15 से 18 आयु वर्ग के कोविड 19 का टीका नहीं लेंगे, उन्हें स्कूल में एंट्री नहीं मिलेगी और अब यही नोटिस स्कूलों द्वारा भी भेजा जा रहा है।