Jharkhand Politics : सियासी गहमागहमी के बीच 2 जनवरी को रांची छोड़कर चेन्नई गए गवर्नर CP राधाकृष्णन 7 जनवरी कै रांची लौट आए हैं। इधर, राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन गठबंधन दलों के विधायकों और मंत्रियों के साथ रांची में डटे हुए हैं, ताकि किसी भी परिस्थिति का राजनीतिक मुकाबला किया जा सके।
बताया जाता है कि रविवार को एयरपोर्ट से बाहर निकलते हुए सीपी राधाकृष्णन कार में बैठे-बैठे ही नमस्कार करते हुए राजभवन की ओर बढ़ गए। राजभवन के मुख्यद्वार पर भी पत्रकार मौजूद थे, लेकिन बात नहीं हो पाई। चेन्नई में उन्होंने तमिलनाडु में शराबबंदी से जुड़े पत्रकारों के सवाल पर कहा कि उन्होंने हमेशा पूर्ण शराबबंदी का समर्थन किया है, क्योंकि बिक्री सीमा से अधिक हो रही है और इससे तमिल समाज की आने वाली पीढ़ियों पर बुरा असर होगा। वह इसके खिलाफ हैं।
सत्ता पक्ष और विपक्ष की राजनीति
सियासी नजरिए से देखा जाए तो सत्ता पक्ष गांडेय में छह माह में उपचुनाव को बाध्यता बता कर इसे जल्द कराने की मांग कर रहा है। इस संबंध में झामुमो का प्रतिनिधिमंडल मुख्य निर्वाचन अधिकारी को ज्ञापन भी सौंपा है। कहा गया है कि पंचम विधानसभा का प्रथम सत्र छह जनवरी 2020 को शुरू हुआ था। पंचम झारखंड विधानसभा का कार्यकाल पांच जनवरी 2025 तक है।
जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 151 ए में प्रावधान है कि विधानसभा का कार्यकाल एक वर्ष से अधिक होने की स्थिति में रिक्त सीट पर छह माह के भीतर उपचुनाव कराया जाना चाहिए। भाजपा का कहना है कि गांडेय विधायक का इस्तीफा सरकार का कार्यकाल एक वर्ष से कम बचा होने पर दिया गया है। इस कारण संवैधानिक प्रावधानों के तहत उपचुनाव नहीं हो सकता है।