खूंटी: चैत्र पूर्णिमा के पावन अवसर पर शनिवार को खूंटी में साहिक सरहुल महात्सव सह मिलन समारोह का आसयोजन किया गया।
सामरोह में बतौर मुख्य अतिथि जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा सपत्निक शामिल हुए।
वहीं विशिष्टि अतिथि के तौर पर खूंटी के विधायके नीलकंठ सिंह मुंडाए तोरपा विधायक कोचे मुंडाए खूंटी नगर पंचायत के अध्यक्ष अर्जुन पाहनए उपाध्यख राखी कश्यप मौजूद थे।
मौके पर भव्य सरहुल शोभायात्रा निकाली गयी। समाहरणालय के पास स्थित जदुर अखड़ा से निकाली गयी सरहुल की शोभायात्रा में मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडाए विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा के साथ ढोल बजाकर जुलूस में शामिल दूसरी ओर अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा पारंपरिक आदिवासी वेशभूषा मं ढोल नगाड़े की थाप पर स्थानीय महिलाओं के साथ सामूहिक नृत्य कर रही थी।
जदु1र अखड़ा से निकली शोभायात्रा मुख्य पथ से बाजार टांड़ए भगत सिंह चौकए नेताजी चौक से डीएवी रोड होते हुए अपने गंतव्य आश्रम टांड़ पहुंचकर समाप्त हुआ।
आश्रम टांड़ मैदान में गीत नृत्य के साथ सरहुल की डाली का विधिवत विसर्जन किया गया। शोभायात्रा में जिला मुख्यालय सहित विभिन्न प्रखंडों से बाजे.गाजे और आदिवासी नृत्य दलों के साथ पारंपरिक वेशभूषा में बड़ी संख्या में जनजातीय समुदाय के लोग शामिल हुए।
विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा और कोचे मुंडा ने भी सभा को संबोधित किया
इससे पूर्व मुख्य और विशिष्ट अतिथियों के आयोजनस्थल जदुर अखड़ा पहुंचने पर आदिवासी रीति रिवाज के साथ उनका स्वागत किया गया।
बाद में जदुर अखड़ा में ही लगभग सात करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले कला एवं सांस्कृतिक केंद्र भवन के निर्माण कार्य का केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने किया।
मौके पर केंद्रीय मंत्री मुंेडा ने कहा कि प्रकृति पुजक आदिवासियों का प्रकृति के साथ गहरा संबंध है। यही कारण है कि जलए जंगल और जमीन जुड़कर आदिवासी उनके संरक्षण की बातें करते हैं।
उन्होंने कहा कि मुंडाओं की संस्कृतिए सभ्यता और परंपरा विश्व की सबसे प्राचीन है। उन्होंने केंद्र सरकार और जनजातीय मंत्रालय द्वारा आदिवासियों के उत्थान कें लिए किये जा रहे कार्यों की जानकारी दी और लोगों कों सरहुल की शुभकामनाएं दीं। विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा और कोचे मुंडा ने भी सभा को संबोधित किया।
आयोजन स्थल पर समिति के अध्यख जगन्नाथ मुंडा और अन्य पदाधिकारियों पे आंगतुक अतिथियों का पारंपरिक ढंग से स्वागत किया। इस दौरान सभी जनजातीय अंगवस्त्र और सरहुल फूल देकर स्वागत किया गया।