रांची: मानव तस्करों से नई दिल्ली से मुक्त कराई गई झारखंड की 12 बच्चियों और दो बच्चों को गरीब रथ ट्रेन से बुधवार को रांची रेलवे स्टेशन लाया गया।
इन बच्चों और बच्चियों को झारखंड महिला विकास समिति ने मुक्त कराया है।
मुक्त कराए गए बच्चे और बच्चियां पूर्वी सिंहभूम (जमशेदपुर), पश्चिमी सिंहभूम (चाईबासा) पाकुड़, साहिबगंज, सिमडेगा,गोड्डा, गुमला और खूंटी की रहने वाले हैं। इनमें पूर्वी सिंहभूम (जमशेदपुर) से एक, पश्चिम सिंहभूम (चाईबासा) जिला से पांच, पाकुड़ से एक, साहिबगंज से दो, सिमडेगा से एक, गोड्डा से दो, खूंटी से एक गुमला से एक बच्चे और बच्चियां शामिल है।
मुक्त कराए गए बच्चों को एकीकृत पुर्नवास संसाधन केंद्र की टीम गरीब रथ ट्रेन से लेकर रांची रेलवे स्टेशन पहुंची। इसके बाद सभी बच्चे और बच्चियों को चाइल्ड वेलफेयर कमिटी को सौंप दिया।
दिल्ली से लेकर आने वाले समिति के लोगों में सुनील कुमार गुप्ता, निर्मला खलखो, मंजू कुमारी और अंकिता मिश्रा शामिल थीं।
बताया जाता है कि लगातार झारखंड के विभिन्न जिलों के बच्चे और बच्चियों को मानव तस्कर दिल्ली ले जाकर घरेलू काम में लगा देते हैं।
यह बच्चे भी वहां जाकर काम कर रहे थे। इन्हें पैसे भी कम दिए जा रहे थे और उनके साथ मारपीट भी की जा रही थी।
सभी बच्चे जहां काम करते थे। वहां से सभी भाग निकले। इसी बीच दिल्ली पुलिस और जीआरपी ने इन्हें अकेले देखकर पकड़ा और दिल्ली चिल्ड्रन होम के हवाले कर दिया था।
यह बच्चे दिल्ली चिल्ड्रन होम में रह रहे थे। वहां से झारखंड स्टेट रिसोर्स सेंटर को इस बात की सूचना मिली कि झारखंड के 14 बच्चे चिल्ड्रन होम में है। इसके बाद स्टेट रिसोर्स सेंटर के अधिकारियों ने बच्चों से मुलाकात की।
फिर बाल कल्याण समिति को सूचना दी। बच्चों के परिवार का पता लगाकर उन्हें ट्रेन से रांची लाया गया। यह सभी बच्चे और बच्चियां 2 साल पहले से लेकर 6 माह पहले तक दिल्ली ले जाए गए थे।