गिरिडीह: झारखंड (Jharkhand) के 44 मजदूर ताजिकिस्तान (Tazikistan) में फंसे हुए हैं। ये गिरिडीह (Giridih), बोकारो (Bokaro) और हजारीबाग जिले के रहने वाले हैं। उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से वतन वापसी की गुहार लगाई है।
भारत सरकार (India Government) एवं झारखंड सरकार (Jharkhand Government) के नाम त्राहिमाम संदेश भेजा है। मजदूरों को तीन महीने से वेतन नहीं मिला है।
पैसे के अभाव में उनकी स्थिति बद से बदतर हो गई है। ये सभी मजदूर छह महीने पूर्व बिष्णुगढ प्रखंड (Bishnugarh Block) के खरना के पंचम महतो के माध्यम से ट्रांसमिशन लाइन (Transmission Line) के लिए काम करने ताजिकिस्तान गए थे।
वहां पिछले तीन महीने से उन्हें वेतन नहीं मिला है। इस कारण वे दाने-दाने के मोहताज हो गए हैं।
प्रवासी मजदूरों के हित में कार्य करनेवाले सिकंदर अली ने केंद्र और राज्य सरकार से श्रमिकों की मदद करने की अपील (Appeal) की है। उन्होंने कहा कि यह पहली घटना नहीं है।
काम की तलाश में मजदूर विदेश जाते हैं, जहां उनको यातनाएं झेलनी पड़ती है। बड़ी मुश्किल से वे वतन लौट पाते हैं। ऐसे में सरकार को इस पर ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
बैठक में शामिल लोग
गिरिडीह जिले के बगोदर प्रखंड के अडवारा के संतोष महतो, लुतयानो तेजो महतो, सरिया प्रखंड (Sariya Block) अंतर्गत चिचाकी के दशरथ महतो, नुनूचंद महतो, गणेश महतो, डुमरी प्रखंड अंतर्गत दुधपनियां के नंदू कुमार महतो, खेचगढी के प्रदीप महतो, चेगडो सोहन महतो, गिरि महतो, डुमरी के बीरेन्द्र कुमार, घुजूडीह के नकुल महतो।
हजारीबाग जिले (Hazaribagh District) के बिष्णुगढ अंतर्गत खरना तिलेश्वर महतो, प्रदीप गंजु, रामेश्वर महतो, महाबीर महतो, रीतलाल महतो, गोवेर्धन महतो, मितलाल महतो, भलुआ के जगदीश महतो, बासुदेव महतो, प्रेमचंद महतो, बरहमदेव महतो, गोविंदपुर बालेश्वर महतो, आशोक सिंह, जोबर के आयोध्या महतो, उमेश महतो, टेकलाल महतो, तालो महतो,बीरू सिंह, संतोष महतो, बंदखारो के मंगर महतो, नारायण महतो, कृष्णा कुमार मंडल, दिलीप महतो, विनय महतो, मनोज कुमार महतो, त्रिभुवन महतो, लालदेव महतो, बसंत मंडल, तुलसी महतो, नेरकी के रोहित सिंह।
बोकारो जिले के गोमियां प्रखंड अंतर्गत सिधाबारा मुकेश महतो, महुआटांड के टीको महतो, बोकारो थर्मल के कमलेश अगरिया शामिल हैं।