रांची: अनूठी कहानियों, परंपराओं, संघर्षों, दर्शन और इतिहास को करीब से जानने और समझने का अवसर झारखंड आदिवासी महोत्सव -2023 (Jharkhand Tribal Festival -2023) के फिल्म फेस्टिवल (Film Festival) में मिलेगा।
जनजातीय फिल्म महोत्सव (Tribal Film Festival) का उद्देश्य झारखंड के फिल्म निर्माताओं, कलाकारों की प्रतिभा को प्रदर्शित करना और आदिवासी समुदायों को एक साथ एक मंच पर लाकर झारखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देना है।
साथ ही आदिवासी समुदाय के ज्वलंत मुद्दे और कथाएं सिनेमा के माध्यम से उजागर हो सकेंगी।
प्रतिभा प्रदर्शित करने का अवसर
आदिवासी फिल्म महोत्सव राज्य की प्रतिभाओं को प्रदर्शित करने का एक अवसर है, जिन्हें ना केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सम्मानित किया गया है।
इस अवसर पर आदिवासी फिल्मों की स्क्रीनिंग से मुख्यधारा के सिनेमा में संवाद के लिए जगह बनेगी और ऐसे जरूरी विषयों पर फिल्में बनाने के महत्व को समझने का अवसर मिलेगा।
इससे सबसे अधिक युवा फिल्म निर्माताओं को प्रोत्साहन (Promotion Of Young Filmmakers) मिलेगा। यह कार्यक्रम झारखंड के उभरते फिल्म निर्माताओं को प्रोत्साहित करने के लिए मंच भी तैयार करेगा।
इन फिल्मों का होगा प्रदर्शन
फिल्म महोत्सव (Film Festival) में निर्माता दशरथ हांसदा द्वारा निर्मित फूलमुनी, दीपक बारा की द अगली साइड ऑफ ब्यूटी, दीपक के बेसरा की मोहोत, निजाम की छैला संधु, मेघनाथ की नाची से बांची, बिजु टोप्पो की मुंडारी सृष्टिकथा, अनुज वर्मा की चेरो, एनपीके पुरुषोत्तम की बंधा खेत, प्रियंका पूर्ति की हॉनर्टन रिमिल, रूपेश साहू की रैट ट्रैप इत्यादि जनजातीय फिल्मों के माध्यम से झारखंड की परंपराओं, संघर्षों और इतिहास जानने का अवसर प्राप्त होगा।