पश्चिमी सिंहभूम: चक्रधरपुर (Chakradharpur) के युवाओं में लोकप्रिय एवं गिरिराज सेना (Giriraj Sena) के संरक्षक हिंदूवादी युवा नेता कमल देव गिरि की हत्या (Kamal Dev Giri Murder) के बाद चक्रधरपुर शहर में भारी तनाव है।
इसके मद्देनजर पूरे शहर में धारा 144 (Section 144) लागू कर दी गयी है। अनुमंडल दंडाधिकारी ने 12 नवंबर की देर रात निषेधाज्ञा (Enforce Prohibitory Orders) (धारा 144) लागू करने का आदेश जारी कर दिया। यह निषेधाज्ञा 13 नवंबर से लेकर 19 नवंबर तक जारी रहेगी।
कमल देवगिरि ने बहुत कम समय में अपनी पहचान बना ली थी
इधर हत्या के विरोध में रविवार सुबह से ही चक्रधरपुर बाजार को दुकानदारों ने स्वेच्छा से बंद कर दिया। शहर में तनाव को देखते हुए जमशेदपुर से रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) के जवानों को बुला लिया गया है।
फिलहाल पूरा चक्रधरपुर शहर पुलिस छावनी (Police Cantonment) में तब्दील है। घटना के बाद चक्रधरपुर में पोड़ाहाट SDO रीना हांसदा, चाईबासा हेड क्वार्टर DSP सुधीर कुमार, चौराहा DSP कपिल चौधरी, प्रखंड विकास पदाधिकारी संजय कुमार सिन्हा, अंचलाधिकारी बाल किशोर महतो हालात पर नजर बनाये हुए हैं. शहर में CRPF, झारखंड पुलिस और RAF के जवानों की तैनाती की गयी है।
बताया जाता है कि गिरिराज सेना प्रमुख कमल देवगिरि ने बहुत कम समय में अपनी पहचान बना ली थी। वह कट्टर हिंदूवादी (Staunch Hinduist) माने जाते थे और वर्तमान में नगर परिषद चुनाव (City Council Elections) में अध्यक्ष पद पर दावेदारी भी पेश कर चुके थे।
कमलदेव गिरि की हत्या की रेकी की जा रही थी
यही कारण है कि उनके कई दुश्मन भी बन गये थे। इसके बावजूद वह किसी समय कहीं भी अकेले ही निकल पड़ते थे।
शनिवार को भी किसी ने उन्हें स्टेशन बुलाया था। कमलदेव अपने साथी शंकर सिंह के साथ मोटरसाइकिल से उससे मिलने निकल पड़े।
वहां से वापस आने के दौरान भारत भवन के पास उन पर बोतल बम (Bottle Bomb) से हमला कर दिया गया, जिसमें उनकी मौत (Died) हो गयी, जिस तरह से कमलदेव गिरि की हत्या की गयी है, उससे स्पष्ट है कि उनकी रेकी (Reiki) की जा रही थी।