रांची: एक दो साल की बच्ची को जेल जाना पड़ गया। उस बच्ची ने कोई अपराध नहीं किया था। उसने तो बस उस महिला की कोख से जन्म लिया, जिस पर अपने ही पति की हत्या करने का आरोप है।
मां जब जेल ले जायी जाने लगी, तो उस मासूम बच्ची को पनाह देने समाज आगे नहीं आया। बच्ची कहां रहेगी, किसके साथ रहेगी, जब इन सवालों का जवाब नहीं मिल पाया, तो उस मासूम बच्ची को भी अपनी मां के साथ जेल जाना पड़ गया।
घटना खलारी की है, जहां अमन सिंह नाम के व्यक्ति की हत्या करने का आरोप उसकी ही पत्नी रखी सिंह पर लगा है।
उनकी दो साल की बच्ची को कहीं पनाह नहीं मिली और उसे अपनी मां रखी सिंह के साथ जेल जाना पड़ा।
इस मामले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए खलारी के समाजसेवी सह निजी विद्यालय के शिक्षक रवींद्रनाथ चौधरी ने समाज से पूछा है, “क्या हम जिंदा लाश बनकर रह गये हैं ? हमारी संवेदनाएं मर चुकी हैं ?
क्या मातृशक्ति स्वरूपा बच्ची को हम नहीं पाल सकते हैं ? अमन सिंह की मृत्यु पर आंसू बहानेवाले और उसकी हत्या के आरोपी उनकी पत्नी रखी सिंह तथा साला सुशील एवं सास को कोसने के लिए जिस तरह से लोग सामने आये, तो लगा कि समाज जिंदा है।
लेकिन, दो साल की बच्ची को किसी ने पनाह नहीं दी। बच्ची को बिना कसूर मां के साथ जेल जाना पड़ा, यह पूरे समाज के मुंह पर तमाचा है।”