चाइबासा: हाटगम्हरिया थाना के नुरदा गांव में एक महिला ने घर से अपहरण कर गैंगरेप (Kidnap and Gangrape) करने के तीन अज्ञात आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी।
इस मामले में पुलिस ने अनुसंधान शुरू कर दिया है। SP ने इस कांड के सिद्ध उद्भेदन का आदेश थाने को दिया था। यह मामला झूठा साबित हुआ है और यह स्पष्ट हुआ है कि पति पत्नी ने मिलकर पुलिस को गुमराह किया था।
पीड़िता की जांच रिपोर्ट मैं रेप का सबूत नहीं
पीड़िता के चिकित्सीय जांच रिपोर्ट (Medical Examination Report) में भी इस बात की पुष्टि हुई कि पीड़िता के शरीर पर किसी प्रकार का जख्म नहीं पाया गया और ना ही कोई बाहरी शुक्राणु पाया गया है।
जांच टीम में पुलिस पदाधिकारी मनोरंजन प्रसाद सिंह, बालेश्वर उरांव. सागेन मुर्मू, बिपीन चंद्र महतो और दिलीप कुमार मोदी शामिल थे।
यह था पूरा मामला
पीड़िता के पति के मोबाइल के Call Detail से इस बात की पुष्टि हुई कि दोनों पति-पत्नी पुलिस को गुमराह कर रहे हैं। कॉल डिटेल को सामने रखकर पूछताछ की गई तो पीड़िता के पति बुधन सिंह सिंकू ने स्वीकार किया कि उनके बड़े भाई के साथ जमीन बंटवारा एवं पूर्व के टाली खपड़ा को लेकर विवाद है।
इसी विवाद के कारण घटना के एक सप्ताह पूर्व दोनों पति-पत्नी के बीच आपस में एक-दूसरे को थप्पड़ मारे थे। लेकिन, बड़े भाई की पत्नी टीबी की मरीज है, उसे उनकी पत्नी ने थप्पड़ मारा गया तो वह गिर गई।
इस पर वे प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए थाना गए थे। थाना के बाहर ही उनसे समझौता हो गया कि ये अपनी भाभी का इलाज करा देंगे।
इसलिए फंसाने के लिए बनाया झूठा केस
बड़े भाई की ओर से इलाज के लिए 10 लाख रुपये की मांग की जा रही थी। इसके बाद उन्हें झूठे रेप केस (Rape Case) में फंसाने की योजना बनाई।
इसी प्लानिंग के तहत घर में बड़े भाई एवं बहू को फंसाने की नीयत से तीन अज्ञात व्यक्ति के विरुद्ध घर से उठाकर ले जाने एवं खेत में अर्द्ध नग्न कर रेप करने का झूठा केस दर्ज कराया था।