Arjun Munda on Farmers: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण व जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा (Arjun Munda) ने कहा कि केंद्र सरकार (Central Government) की कोशिश है की हर राज्य खेती में आत्मनिर्भर बने और किसानों (Farmers) की आय बढ़े।
किसानों को गर्व से कहने का मौका मिले कि हम किसी के मोहताज नहीं हैं, बल्कि हम हम मजबूत और हमारे माध्यम से देश सशक्त हो रहा है।
केंद्रीय मंत्री शनिवार को तोरपा प्रखंड के दियांकेल स्थित कृषि विज्ञान केंद्र परिसर में आयोजित पूर्वी क्षेत्र कृषि मेले का शुभारंभ करने के बाद किसानों (Farmers) को संबोधित कर रहे थे।
कृषि मेले का आयोजन किया गया
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (Indian Council of Agricultural Research) के अंतर्गत राष्ट्रीय कृषि उच्चतर संस्करण संस्थान के तत्वावधान में आयोजित इस मेले में पूर्वी राज्यों के हजारों किसान शामिल हो रहे हैं।
मुख्य अतिथि के रूप में अर्जुन मुंडा (Arjun Munda) ने कहा कि पूर्व क्षेत्र में किसानों को परंपरागत खेती के साथ तकनीक से कैसे जोड़ा जाए, उनकी आय बढ़ाते हुए आत्मनिर्भर कैसे बनाएं, कृषि संबंधी मुद्दों का समाधान कैसे हो, इन बातों को ध्यान में रखते हुए इस कृषि मेले का आयोजन किया गया है।
उन्होंने कहा कि आज हम इस अवस्था में है कि अपने खाद्यान्न जरूरत को पूरा कर सकें, लेकिन हमें भविष्य के लिए भी तैयारी करनी है, क्योंकि भूमि सीमित है और आबादी लगातार बढ़ रही है। ऐसे में उत्पादन के साथ-साथ उत्पादकता बढ़ाने पर भी ध्यान दिया जा रहा है। गुणवत्ता और पोषण युक्त उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रबंधन व गवर्नेंस के माध्यम से कोशिश की जा रही है।
तकनीक को खेती से जोड़ते हुए परंपरागत और पोषक तत्वों की उपलब्धता वाली खेती को बढ़ाकर किसानों के जीवन में खुशहाली लाई जा सकती है। इस दिशा में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय लगातार कार्य कर रहा है।
उत्पादकता बढ़े और नुकसान कम हो
उन्होंने कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान व परिषद तथा मंत्रालय के माध्यम से नवाचारों के साथ किसानों को जोड़ा जा रहा है, ताकि लागत घटे, उत्पादकता बढ़े और नुकसान कम हो। साथ ही हमारा लक्ष्य भी पूरा हो सके।
विश्व जैविक खेती (World Organic Farming) की तरफ लौट रहा है टिकाऊ व खेती और उत्पादक उत्पादन बढ़ाने पर भी दुनिया चिंता कर रही है। जलवायु परिवर्तन कार्बन उत्सर्जन को लेकर चिंता हो रही है। भारत के लिए तो खेती रीढ़ की हड्डी की तरह है। मिट्टी की उदास शक्ति की चिंता करें और जल प्रदूषण (Water Pollution) पर रोक लगाने के लिए भी कदम की जरूरत जरूरत है।
मंत्री ने कहा कि गेहूं और चावल में हम आत्मनिर्भर बने है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार राज्यों के माध्यम से कृषि व किसानों के विकास के लिए कई योजनाएं चला रही है।
सोच, व्यवहार और काम में परिवर्तन लाना होगा: कड़िया मुंडा
पद्मभूषण कड़िया मुंडा ने कहा कि किसानों को लगातार प्रशिक्षण देना होगा, युग बदल गया है। सोच, व्यवहार,और काम में परिवर्तन लाना होगा, तभी बदलाव आएगा। किसानों की स्थिति सुधरेगी, तब देश सुधरेगा। कृषि और किसानों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। अधिकारी वैज्ञानिक ईमानदारी से मन लगाकर काम करें।
मौके पर विधायक कोचे मुंडा ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में कृषि मेला का आयोजन हुआ है। Arjun Munda के प्रयास से कृषि क्षेत्र में प्रगति देखने को मिल रही है। PM किसान द्वारा कृषि को तकनीक से जोड़ दिया गया है. जिससे किसानों को फायदा हो रहा है। मेला में किसान कृषि की नई तकनीक से अवगत हो रहे है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से प्रसंस्करण केंद्र व कोल्ड स्टोरेज के निर्माण की मांग की।
कार्यक्रम को भारीतय कृषि अनुसंधान परिषद (Heavy Agricultural Research Council) के महानिदेशक डॉ हिमांशु पाठक ने कहा कि कृषि में विज्ञान एवं नई तकनीक को अपनाने की जरूरत है।
150 स्टॉल में अलग अलग क्षेत्र में नयी तकनीकी को दिखाया गया है। किसान स्टॉल में जायें और नई तकनीक को जानें। धान प्रति हेक्टरे में आठ से नौ टन क्विंटल तक होगा। कार्यक्रम को पूर्व सांसद रवींद्र राय ने भी संबोधित किया। मौके पर KVK खूंटी की पुस्तिका का विमोचन किया गया।