रांची: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन बुधवार को सदन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि खास महल पर सामयिक निर्णय होगा। मुख्यमंत्री भाजपा विधायक अनंत ओझा द्वारा लाये गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब दे रहे थे।
उन्होंने कहा कि खासमहल जमीन को फ्री होल्ड करने पर सामयिक निर्णय किया जाएगा। राजमहल सहित राज्य के कई हिस्सों में खासमहल जमीन को फ्री होल्ड करने का मामला वर्षों से लंबित है।
तत्कालीन सरकार में भाजपा के ही लोग थे लेकिन इसपर कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि 20 वर्षों में इन लोगों ने किसी विषय पर ठोस निर्णय नहीं किया। 23 सितंबर, 2019 को खासमहल मामले पर तत्कालीन सरकार ने एक कमेटी का गठन किया था।
फ्री होल्ड करने के लिए कमिटी ने लोगों से आवेदन मंगाया है। आवेदन प्राप्त करने की अवधि अभी इस वर्ष के नवंबर महीने तक है। समय पूरा होने के बाद सरकार आवासीय हो या व्यावसायिक सभी को फ्री होल्ड करने पर निर्णय लेगी।
इससे पहले भाजपा विधायक अनंत ओझा ने कहा की वह वर्षों से राजमहल में खासमहल जमीन को फ्री होल्ड करने का मामला ला रहे हैं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
पिछले बजट सत्र में भी मुख्यमंत्री और संसदीय कार्य मंत्री ने कहा था कि इस मामले का जल्द निपटारा होगा। राज्य में काम कर रहे कर्मचारियों के प्रति मेरी भी चिंता है।
सरकार सभी की चिंता करती है। आम नागरिकों के प्रति भी हमारी चिंताएं हैं। जहां तक बात पुरानी पेंशन योजना लागू को लेकर है तो इसपर अबतक कोई प्रस्ताव नहीं है लेकिन भविष्य में समेकित रूप से नफा-नुकसान के आकलन के बाद ही इसपर कोई विचार होगा।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन विधायक दीपिका पांडेय सिंह के सवालों का जवाब दे रहे थे। इसके पूर्व विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने पूछा था कि क्या पुरानी पेंशन लागू करने का विचार है।
क्योंकि राज्य के कर्मचारी अपना पूरा जीवन सरकार और जनता की सेवा में समर्पित कर देते हैं। ऐसे में सेवानिवृत्ति के बाद उनका जीवन सुरक्षित रहे, इसके लिए पुरानी पेंशन योजना का लागू होना जरूरी है।