CM Hemant Raised the Issue of Dues: विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) झारखंड के बकाया 1.36 लाख करोड़ का मुद्दा बार-बार उठते रहे हैं।
केंद्र से इसे लौटने की बात करते रहे हैं। इस बीच 20 नवंबर को 38 विधानसभा सीटों पर चल रहे मतदान के दिन भी Social Media पर इस मुद्दे को उठाकर बड़ा संकेत दिया है।
भाजपा के नेताओं ने नहीं की झारखंड के हक की बात
‘X’ पर पोस्ट में कहा है कि झारखंड में भाजपा का हर बड़ा- छोटा नेता प्रचार करने आया और गया, पर किसी एक ने भी हमारे हक की बात नहीं की।
बकाया पैसा हमारे बच्चों की भविष्य निधि, झारखंडियों की सुरक्षा की गारंटी, शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला और बाल विकास, आदिवासी कल्याण, दलित और अल्पसंख्यक विकास, बुजुर्गों का सामाजिक सुरक्षा, युवाओं का भत्ता, नये फ्लाईओवर निर्माण, नए स्कूल-कॉलेज, मेट्रो रेल सभी के काम आते।
पर केंद्र इस पर कुंडली मार कर बैठी है। भाजपा नहीं चाहती है कि यह पैसा झारखंड आए, पर हम अपना हक़ लेकर रहेंगे।
लोकतंत्र का करते हैं सौदा
इसके साथ ही हेमंत ने सोशल मीडिया पर महाराष्ट्र में भाजपा नेता विनोद तावडे (Vinod Tawde) द्वारा वोटिंग के एक दिन पहले नोट बांटने को लेकर भी तंज कसा है।
कहा है कि ये भाजपा संगठन के सबसे बड़े महासचिव (विनोद तावड़े) हैं, जो पैसे बांटते हुए कैमरे पर पकड़े गए । पूरे देश ने देखा, पर देखिए कैसी प्यारी हेडलाइन बनाई गई है, जैसे छोटी घटना हो. भाजपा को लोकतंत्र पर नहीं, सिर्फ और सिर्फ पैसों पर यकीन है।
पैसे जो वैक्सीन, नकली दवाओं, मित्रों को देश बेच ये कभी इलेक्टोरल बांड, तो कभी किसी और मध्यम से ये अर्जित करते हैं, फिर उससे लोकतंत्र का सौदा करते हैं।