Transgender Nagma Rani Story : झारखंड में विधानसभा चुनाव के पहले चरण की नामांकन की अंतिम तिथि 25 अक्टूबर को खत्म हो गई। इस बीच यह महत्वपूर्ण सूचना मिली है कि Ranchi जिले में हटिया विधानसभा क्षेत्र से Nagma Rani नाम की एक Transgender ने भी नॉमिनेशन फाइल किया है।
इनकी कहानी जानकर कोई भी हैरत में जरूर पड़ जाएगा और चुनाव लड़ने का उद्देश्य तो वास्तव में सराहनीय है। बता दें कि नगमा का जन्म 15 अगस्त 1984 को Bihar की राजधानी पटना के फुलवारीशरीफ में हुआ था।
‘झारखंड की लड़कियों को खुद्दार बनाना मेरा उद्देश्य’
नॉमिनेशन फाइल करने के बाद नगमा रानी ने कहा कि मैं किन्नर हूं। मैं तो हाथ फैला कर किसी से भी मांग लूंगी। अपना पेट भर लूंगी, लेकिन मेरा उद्देश्य विधानसभा क्षेत्र और झारखंड की जनता का पेट भरना है, उन्हें रोजगार देना है, लड़कियों को आत्मस्वालंबी बनाना है।
भय मुक्त विधानसभा की जनता रह सके, यह मेरा उद्देश्य है। चुनाव में जीत होती है या हार यह तो 23 नवंबर को पता चलेगा, लेकिन ट्रांसजेंडर उम्मीदवार नगमा रानी ने जो साहस दिखाया है और जो चुनाव लड़ने का अपना उद्देश्य बताया है, वाकई सराहनीय है।
इतिहास में ऑनर्स हैं नगमा
नगमा रानी ने समाज के लोगों से बच बचा कर ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई की। वह भी हिस्ट्री ऑनर्स से। किन्नर होने के कारण समाज से हमेशा दुत्कार मिली, लेकिन नगमा समाज की खुशियों में किसी के घर में बच्चों के जन्म की किलकारी पर तो किसी के घर में शादी विवाह के मौके पर नाच गाकर ढोल बजाकर उन्हें आशीर्वाद लुटाती रहीं।
बदले में मिलने वाले नेग (सगुन) के पैसों को भी किसी गरीब की बेटी की शादी में तो किसी गरीब के पढ़ाई पर खर्च कर दिया। इसी पैसे से उन्होंने अपनी पढ़ाई भी की।
बचपन में ही परिवार ने कर लिया किनारा
अपनी दर्द भरी कहानी बताते हुए नगमा कहती हैं कि हम लोग 3 भाई और 2 बहन हैं। केवल किन्नर होने के कारण बचपन में साथ देने के बजाय परिवार ने किनारा कर लिया, नियति को कुछ और ही मंजूर था।
संगीता नाग किन्नर नाम की महिला ने अनाथ हुई नगमा रानी को गोद ले लिया। नगमा की गुरु बनी संगीता नाग किन्नर ने ही पढ़ाया लिखाया।
आज वह अपनी पीड़ा के माध्यम से समाज की पीड़ा को समझ पा रही हैं, इसलिए चुनाव लड़कर समाज की सेवा करना चाहती हैं।