रांची : बुधवार को झारखंड हाई कोर्ट में झारखंड विधानसभा (Jharkhand Assembly) में अवैध नियुक्ति की जांच (Investigation Into Illegal Appointment) की मांग के लिए दाखिल PIL पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान जस्टिस विक्रमादित्य कमेटी की रिपोर्ट नहीं पेश होने से कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की।
कोर्ट ने अगली सुनवाई तक रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। मौखिक रूप से कहा कि अगर अगली सुनवाई तक रिपोर्ट पेश नहीं की गई, तो विधानसभा सचिव पर अवमानना की कार्रवाई शुरू होगी।
हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा और जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ में इस मामले की सुनवाई हुई। गुरुवार को अगली सुनवाई होगी।
साल 2005 से 2007 के बीच की नियुक्ति
उल्लेखनीय है कि इस मामले में शिव शंकर शर्मा (Shiv Shankar Sharma) ने जनहित याचिका दाखिल की है। बताया गया है कि वर्ष 2005 से वर्ष 2007 के बीच में विधानसभा में हुई नियुक्ति में गड़बड़ी हुई है।
जांच के लिए पहले जस्टिस विक्रमादित्य प्रसाद आयोग (Vikramaditya Prasad Commission) का गठन किया गया। आयोग ने 2018 में राज्यपाल को रिपोर्ट भी सौंपी थी। राज्यपाल ने विधानसभा अध्यक्ष को कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।