रांची: झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र (Jharkhand Legislative Assembly Monsoon Session) के तीसरे दिन मंगलवार को सदन के बाहर भाजपा विधायक अमित मंडल (Amit Mandal) ने सरकार पर सवाल उठाए।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि राज्य सरकार युवाओं की आवाज को दबाने के लिए रोजगार नियोजन (Employment planning) से जुड़ी एक नियमावली ला रही है।
इसे झारखंड प्रतियोगिता परीक्षा (Jharkhand Competitive Exam) नियमावली कहा गया है। इसमें एक अहम बात यह है कि कोई भी व्यक्ति अगर नियमावली को लेकर, इससे जुड़े कर्मचारी, उनके रिश्तेदार या मित्र पर किसी तरह की टिप्पणी करता है, तो उस पर एफआईआर किया जाएगा।
आज बिल की कॉपी मिली है। फिर यह प्रवर समिति में जाएगी। इसके बाद इस पर बहस होगी। इस बिल का हमलोग किसी भी हाल में विरोध करेंगे।
जेपीएससी पर सवाल उठाने पर कार्रवाई
अमित के मुताबिक सरकार इस बिल को लाकर बोलने के अधिकार को छीनना चाहती है। बताया कि इस नियमावली में एक क्लाउज यह भी है कि अगर परीक्षा के प्रश्न, इसके स्वरूप आदि को लेकर किसी ने टीका टिप्पणी की तो ऐसे व्यक्तियों पर भी फायर किया जाएगा।
मतलब है कि अगर आप JPSC पर सवाल उठाते हैं तो आप पर कार्रवाई की जाएगी। इस नियमावली में यह भी कहा गया है कि अगर कोई अभ्यर्थी नियमावली पर सवाल खड़े करता है तो उसे दो से 10 साल तक के लिए राज्य सरकार की किसी भी परीक्षा में शामिल होने से वंचित किया जाएगा। अमित मंडल ने कहा कि अगर आप अपने हक के लिए आंदोलन करते हैं तो आपको डिबार झेलना होगा।
राज्य सरकार का तुगलकी फरमान
विधायक ने कहा कि यह नियमावली राज्य सरकार का तुगलकी फरमान है। इसके तहत अगर किसी उम्मीदवार पर इस नियमावली के तहत FIR होता है तो बिना किसी जांच-पड़ताल (Investigation) के भी आप को गिरफ्तार किया जा सकता है। इसी में यह बात जुड़ा हुआ है कि गिरफ्तारी के लिए किसी भी अधिकारी के अनुमोदन की जरूरत नहीं होगी।