रांची: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन सोमवार को दूसरी पाली के दौरान समय आवंटन को लेकर विपक्ष के विधायकों ने जमकर बवाल किया। सदन में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा चल रही थी।
चर्चा के दौरान आसन से सत्ता पक्ष के तीन विधायकों को बोलने के लिए समय दिया गया। पहले झामुमो विधायक सुदिव्य सोनू, इसके बाद कांग्रेस के इरफान अंसारी और फिर प्रदीप यादव को बोलने का समय मिला।
लगातार एक घंटे तक सत्ता पक्ष के विधायकों के बोलने पर विपक्ष के विधायकों ने इसका विरोध किया। विपक्ष के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण, नवीन जायसवाल, मनीष जयसवाल, केदार हाजरा, अनंत ओझा, नीलकंठ सिंह मुंडा सहित कई सदस्यों ने विरोध किये।
विधायक भानु प्रताप शाही ने कहा कि परंपरा यह है कि एक सदस्य सत्ता पक्ष के बोलते हैं तो दूसरे वक्ता के रूप में विपक्ष के सदस्य को बुलाया जाता है।
इसके विपरीत, सत्ता पक्ष के तीन सदस्यों को लगातार समय देकर विपक्ष के अधिकार का हनन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब विपक्ष को बोलने का समय नहीं मिलेगा तो सदन में रहने का कोई औचित्य नहीं है।
बाद में पीठासीन पदाधिकारी स्टीफन मरांडी ने भाजपा विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा को बोलने का समय दिया और तब जाकर हंगामा शांत हुआ।