दुमका: कोरोना का खौफ इस कदर लोगों पर हावी हो चुका है कि संक्रमित मरीज का शव लेने से परिजन इंकार कर रहे हैं।
मानवता का शर्मसार करने वाला सच यह भी है कि रिस्तेदार भी संक्रमित मरीज को देखना तो दूर फटकना भी मुनासिब नहीं समझते।
कई ऐसे मामले देखे गए है, जिसमें संक्रमित मरीज को परिजन अस्पताल प्रबंधन एवं भगवान भरोसे छोड़ गए है।
बाद में इनकी सुधी लेने की परिजनों ने जहमत नहीं उठायी।
ऐसा ही एक मामला सामने आया है। संक्रमित मरीज के शव को लेने के लिए परिजन पहले तो कई बहाना बनाते हैं।
बाद में शव का दाह संस्कार में असमर्थता जाहिर करते हुए शव को ले जाने से ही इंकार कर दिया।
ऐसा मामला शहर के कानुपाड़ा का है, जहां मृतक सावित्री देवी के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन को लिखित देकर शव को ले जाने में असमर्थता जतायी।
इसके बाद ऐसे शवों का दाह संस्कार अस्पताल प्रबंधन नगर पालिका के सहयोग से मुक्तिधाम में किया।