देवघर: Madhupur Assembly Election मधुपुर विधानसभा उपचुनाव की चौक-चौराहों पर चाय हो या पान की दूकान सभी जगह राजनीतिक चर्चा जोर पकड़ती जा रही है। साथ ही सर्वेक्षण का काम चल रहा है।
वक़्त जैसे से-जैसे नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे एक्टिविटी तेज होती जा रही है। बताया जाता है कि टीम भाजपा प्रदेश इकाई के निर्देश पर ही पहुंची है परंतु सर्वे में फर्जीवाड़ा करने का मामला सामने आ रहा है।
जमीनी हकीकत से कोसों दूर मनमाने ढंग से सर्वे रिपोर्ट तैयार की जा रही है। भाजपाईयों का आरोप है की होटल, लॉज व घर में बैठकर उपचुनाव में कौन जीतेगा और कौन हारेगा इसकी फर्जी रिपोर्ट तैयार कर उपचुनाव को प्रभावित करने का खेल किया जा रहा है।
चंद लोगों से बात की जा रही है और उनके ही सामने उनके पसंदीदा प्रत्याशी की जगह दूसरे का नाम लगा दिया जा रहा है।
इस तरह की शिकायत एक आम मतदाता की ओर से भाजपा के बड़े नेता के समक्ष साक्ष्य के साथ किए जाने के बाद जब पूरे मामले की छानबीन कराई गई तो इलाके में चल रहे फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ।
अब सवाल यह खड़ा होता है कि जब एक शिकायत की जांच में सच्चाई सामने आ गयी है तो निश्चित ही मामला गंभीर है।
सूत्रों की मानें तो भाजपा की ओर से सर्वे का काम उत्तर प्रदेश की किसी एजेंसी को दिया गया है।
जिसने झारखंड की एक एजेंसी को यह जिम्मेदारी सौंप दी है। आरोप के बाबत सर्वे टीम की अगुवाई कर रहे प्रबंधक से मोबाइल पर संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन नंबर बंद रहने के कारण संपर्क नहीं हो सका।
इधर मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रदेश स्तरीय एक नेता ने संबंधित साक्ष्य के साथ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश के अलावा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रवींद्र राय, महामंत्री दीपक वर्मा सहित अन्य नेताओं से शिकायत की है।
मामले को आला नेताओं ने गंभीरता से लिया है। इस पर जल्द ही कार्रवाई करने की बात कही गई है।
बताया जा रहा है कि भाजपा के एक बड़े नेता ने सर्वे कराने वाली एजेंसी की अगुवाई करने वाले शख्स से फोन पर संपर्क कर पूछताछ की तो उसने स्वीकार किया कि एक लड़के ने सर्वे में यह गलती की है।