बेरमो : सरकार द्वारा पिछले छह माह से मानदेय (Salary) नहीं मिलने के कारण गोमिया प्रखंड की आंगनवाड़ी सेविकाओं-सहायिकाओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि आंगनवाड़ी केंद्र में पढ़ने वाले बच्चों को पोषाहार (Nutrition) और क्षेत्र की महिलाओं के स्वास्थ्य (Health) की देखभाल करने का उत्तरदायित्व भी इनके उपर ही होता है।
जब वे खुद आर्थिक व मानसिक रूप से परेशान रहेंगी तो अपनी जिम्मेवारी का निर्वहन वह कैसे कर पाएंगी, यह एक अहम सवाल है, जिसपर सरकार को गंभीरतापूर्वक विचार कर इस समस्या निदान करना चाहिए।
पहले से अधिक लिया जा रहा है काम, फिर भी नहीं हो रहा मानदेय का भुगतान
गोमिया प्रखंड के सियारी ऊपरटोला की आंगनवाड़ी सविका मूर्ति देवी ने बताया कि पिछले कुछ समय से सरकार उनसे पहले से भी अधिक काम करवा रही है, फिर भी मानदेय (Salary) का भुगतान पिछले छह माह से नहीं किया जा रहा है।
पहले केंद्र और राज्य सरकार के मद का मानदेय (Salary) एक साथ दिया जाता था, लेकिन अब केंद्र व राज्य के मद का मानदेय अलग-अलग भुगतान किया जाता है, जिसमें केंद्र सरकार द्वारा पिछले छह महीने से मानदेय (Salary) की राशि नहीं मिली है, जिसके कारण आंगनवाड़ी सेविकाओं-सहायिकाओं (Anganwadi Workers) को लंबे समय से भारी आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है।
तीन माह से बालबाड़ी की राशि का भी नहीं हो रहा भुगतान
कई सेविकाओं-सहायिकाओं ने बताया कि आंगनवाड़ी केंद्र के बच्चों को पोषाहार (Nutrition) देने के लिए स्थानीय दुकानों से खरीदारी की जाती है, जिसका बिल-वाउचर जमा करने पर बाल परियोजना विभाग (Children’s Project Department) की ओर से बैंक खाते में बालबाड़ी की राशि भेजी जाती है। इधर, तीन माह से खर्च की गई बालबाड़ी की राशि भी नहीं दी गई है।